आरोपितों पर नगर थाना में धारा 417, 420, 467, 471 व 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. गौरतलब है कि शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत पर डीडीसी ने दंडाधिकारी के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच करायी थी. जांच रिपोर्ट में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आने के बाद डीसी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य हैं.
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देवघर में शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता का मामला: डीएसइ कार्यालय के पदाधिकारी समेत दो कर्मियों पर प्राथमिकी
देवघर : देवघर में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में भारी अनियमितता व फरजीवाड़े के मामले में पहली कार्रवाई हुई है. दंडाधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम की जांच रिपोर्ट से अनियमितता के आरोप पर एक तरह से मुहर लग गयी है. डीसी अरवा राजकमल के निर्देश पर डीइओ उदय नारायण शर्मा ने नगर थाना में […]
देवघर : देवघर में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में भारी अनियमितता व फरजीवाड़े के मामले में पहली कार्रवाई हुई है. दंडाधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम की जांच रिपोर्ट से अनियमितता के आरोप पर एक तरह से मुहर लग गयी है. डीसी अरवा राजकमल के निर्देश पर डीइओ उदय नारायण शर्मा ने नगर थाना में डीएसइ कार्यालय के लिपिक मनीष कुमार, लिपिक संतोष कुमार समेत जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी व अन्य कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी है.
आखिर ‘पदाधिकारी’ कौन है
डीइओ द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के लिए नगर थाना को दिये गये आवेदन में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के ‘पदाधिकारी’ सहित लिपिक मनीष कुमार, लिपिक संतोष कुमार व अन्य का उल्लेख है. अब जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी इसमें कौन है. यह बात हर किसी की जुबान पर है. इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है कि आखिर उस अधिकारी के नाम का उल्लेख आवेदन में क्यों नहीं किया गया है.
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