देवघर : सूबे में नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 प्रभावी है. बावजूद देवघर के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में अध्ययनरत छह से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना अब भी सपना बना हुआ है. जिले के 2108 स्कूलों में 2.83 लाख छात्र–छात्राएं नामांकित हैं. लेकिन, स्कूलों में शत–प्रतिशत छात्र–छात्राओं की उपस्थिति नहीं हो रही है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो नियमित औसतन 40 से 50 फीसदी छात्र–छात्राओं की उपस्थिति वर्ग कक्ष में होती है.
विभागीय आंकड़े दर्शाते हैं कि देवघर में अधिनियम का कितना अनुपालन हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र की छोड़ दे तो देवघर के विभिन्न विद्यालयों के आसपास कक्षा अवधि में बच्चे खेलते नजर आते हैं.
दुकानों व होटलों में कामकाज करते नजर आते हैं. लेकिन, जवाबदेह पदाधिकारी कार्रवाई की बजाय चुप्पी साधे रहते हैं. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि देवघर में अधिनियम के अनुपालन के प्रति विभाग और पदाधिकारी कितने गंभीर हैं.विकास योजना तीन वर्षीय : अधिनियम में विद्यालय विकास का योजना तैयार करने का प्रावधान है.
अधिनियम के तहत विद्यालय प्रबंध समिति चालू वित्तीय वर्ष (जिस वर्ष समिति का गठन हुआ) के अधिनियम के अधीन उसका पहली बार गठन किया गया हो. वित्तीय वर्ष समाप्त होने के कम से कम तीन माह पूर्व एक विद्यालय विकास योजना तैयार करेगी. विद्यालय विकास योजना तीन वर्षीय योजना होगी. जिसमें तीन वार्षिक उपयोजनाएं होंगी. विद्यालय विकास योजना में कई ब्योरा होंगे.
मसलन (क) प्रत्येक वर्ष के लिए कक्षा वार नामांकन का आकलन, (ख) अधिनियम एवं नियम के अनुसार कक्षा एक से कक्षा पांच और कक्षा छह से कक्षा आठ के लिए अलग से अतिरिक्त अध्यापकों, जिसके अंतर्गत प्रधान अध्यापक, विषय अध्यापक और अंशकालिक अनुदेशक भी हैं, की संख्या की आवश्यकता का विवरण.
(ग) अधिनियम एवं नियम के अनुसार अतिरिक्त आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता का विवरण. (घ) अधिनियम के अधीन विद्यालय के उत्तरदायित्वों को पूरा करने के लिए कोई अन्य अतिरिक्त आवश्यकता.
(ड़) निर्धारित आलोक में विद्यालय की वित्तीय आवश्यकता. (च) उपरोक्त हेड के आलोक में विद्यालय की वित्तीय आवश्यकता. इसके अलावा विद्यालय विकास योजना पर विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयोजक द्वारा हस्ताक्षर किये जायेंगे. साथ ही उसे वित्तीय वर्ष के जिसमें उसे तैयार किया जाता है. अंत से पूर्व स्थानीय प्राधिकार को प्रस्तुत किया जायेगा.