एक ही विभाग पर प्रशासन क्यों है मेहरबान?
जिला परिषद, पर्यटन, एनआरइपी व भवन निर्माण के अभियंता व नगर निगम का काम भी ग्रामीण विशेष प्रमंडल को
देवघर : ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल पर इन दिनों उनके अपने विभाग के साथ-साथ उपायुक्त व नगर निगम भी मेहरबान है. ग्रामीण विकास विभाग के कार्यपालक अभियंता अवधेश कुमार के अधीन इन दिनों लगभग 150 करोड़ का काम है.
मूलत: पुल, पुलिया व रोड का काम करने वाली विशेष प्रमंडल इन दिनों देवघर में जमकर भवन निर्माण का कार्य कर रही है. लगभग साढ़े तीन वर्षो से विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के पद पर रहने वाले अवधेश कुमार इन दिनों तीन अतिरिक्त प्रभार में है.
इसमें एनआरइपी, पर्यटन व छल छाजन में प्रोजेक्ट मैनेजर के अतिरिक्त पद पर हैं. एक साथ इतने पदों पर रहने के कारण विशेष प्रमंडल के खुद का कार्य प्रभावित है.
विशेष प्रमंडल द्वारा सरकार को भेजी गयी मासिक रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में विशेष प्रमंडल को उनके अपने विभाग से मंत्री मंडल द्वारा स्वीकृत उच्चस्तरीय पुल, पुलिया व रोड में कुल 30 करोड़, 16 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ. इस राशि में 31 पुल, पुलिया व रोड हैं. इसमें मात्र तीन पूर्ण हुआ है. शेष 13 योजना प्रगतिशील व 13 प्रगतिशील लंबित है. उक्त सभी 26 योजनाओं को पूर्ण करने में कुल लागत लगभग 90 करोड़ के आसपास आयेगी.
जिले की 149 योजनाएं
विशेष प्रमंडल को जिले के उपायुक्त द्वारा बीआरजीएफ से 149 योजनाएं दी गयी है. इसमें 18 पंचायत भवन व 74 आंगनबाड़ी केंद्र भवन है. जबकि शेष योजनाएं पिछले वित्तीय वर्ष 2012-13 की है. बीआरजीएफ का लगभग 15 करोड़ का काम विशेष प्रमंडल को दिया गया है. बीआरजीएफ के फंड से ही ग्रामीण क्षेत्रों में हाट शेड व शहरी क्षेत्र में रोड का निर्माण विशेष प्रमंडल द्वारा दो माह पहले शुरू की गयी है. नन आइएपी फंड से भी सारठ, मोहनपुर व देवीपुर में पुलिया व रोड का कार्य कराया जा रहा है.
एग्रोटेक पार्क व एग्रीकल्चर कॉलेज में भी काम
विशेष प्रमंडल से शिल्पग्राम में एक करोड़, 70 लाख की लागत से एग्रोटेक पार्क बनाया जा रहा है. जबकि डेढ़ वर्ष पूर्व विशेष प्रमंडल द्वारा ही मोहनपुर में कृषि महाविद्यालय का बाउंड्रीवॉल का कार्य चालू किया गया था. जबकि एनआरइपी से बाबा मंदिर का फुट ओवर ब्रिज की मरम्मत अवधेश कुमार के कार्यकाल में हुआ.
क्या कहते हैं भवन निर्माण विभाग के अभियंता
भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता निशिकांत प्रसाद कहते हैं कि उनके पास चार कनीय अभियंता, दो सहायक अभियंता व एक कार्यपालक अभियंता हैं. तथा एक प्राक्कलन अधिकारी भी हैंजो पद भवन निर्माण में स्वीकृत हैं, सभी में पोस्टिंग है. सरकार से जो विभागीय कार्य मिलता है उसे ही पूरा किया जा रहा है. जिला से कोई योजना नहीं मिली है.