देवघर: त्रिकुटांचल आश्रम के चंदन स्वामी आश्रम छोड़ने के क्रम में नौ लाख की(वेरीटो) गाड़ी भी अपने साथ ले गये. चंदन स्वामी ने इस महंगी गाड़ी को साथ ले जाने के लिए लोकल ड्राइवर का सहयोग नहीं लिया.
त्रिकुट पहाड़ के नीचे स्थित गैराज का ताला खुलवाया व गाड़ी लेकर चलते बने. हालांकि चंदन स्वामी ने गैरेज की सटर पर ताला भी जड़ दिया है. चंदन स्वामी ने पश्चिम बंगाल से अपने एक शिष्य के माध्यम से स्पेशल ड्राइवर मंगवाया था. बताया जाता है कि नौ लाख वेरिटो गाड़ी मां भक्ति प्रभा को प्रणामी(दान) में मिलने वाले पैसे से चंदन स्वामी ने खरीदा था. यह गाड़ी विशेष रुप से चंदन स्वामी ने रांची से मंगवायी थी.
इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन किसके नाम से कराया गया था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. हालांकि इतनी महंगी गाड़ी खरीदने के लिए मां भक्ति प्रभा की सहमति नहीं थी. मां भक्ति प्रभा चाहती थी कि पैसे से आश्रम में शिष्यों की सुविधा के लिए शौचालय व भवन का निर्माण कराया जाये. लेकिन चंदन स्वामी को शायद महंगी गाड़ी पर चढ़ने का शौक था. 15 दिनों पहले त्रिकुटांचल आश्रम से निकले चंदन स्वामी का कई दिनों तक पश्चिम बंगाल के सिउड़ी के आसपास का लोकेशन बताया जा रहा था. लेकिन अभी चंदन स्वामी कहां हैं, इसका कोई अता-पता नहीं.