देवघर: देवघर नगर निगम के पास कूड़ा-कचरा फेंकने के लिए कोई स्थायी डंपिंग ग्राउंड नहीं है. नतीजा निगम के सफाई कर्मचारी इधर-उधर कूड़ा-फेंकते नजर आते हैं. स्थानीय लोगों द्वारा करीब एक माह पहले निजी जमीन एवं रिहायशी इलाके में कूड़ा-कचरा फेंके जाने का विरोध किये जाने के बाद सफाई कर्मचारियों ने कूड़ा का उठाव बंद कर दिया था. करीब दस दिनों तक कूड़ा-कचरा उठाव बंद रखा गया था. बावजूद नगर निगम प्रशासन को डंपिंग ग्राउंड के लिए अबतक कोई ठिकाना नहीं मिला है. वर्तमान में हालात कमोवेश पहले जैसा ही है. आज भी शहर के अधिकांश चौक-चौराहों पर कचरे का अंबार मिल जाता है. सब्जी मंडी के आसपास के क्षेत्रों की स्थिति काफी नारकीय रहती है.
55 से 60 ट्रैक्टर प्रतिदिन होता है कचरा : देवघर नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन औसतन 55 से 60 ट्रैक्टर कूड़ा-कचरा होता है. कूड़ा-कचरा के लिए स्थायी डंपिंग नहीं होने की वजह इसका नियमित रूप से उठाव भी नहीं हो रहा है. रिहायशी इलाके में जहां कहीं कचरा डंप किया जाता है. वहां के लोग सड़ांध से परेशान रहते हैं. महामारी फैलने की आशंका भी काफी प्रबल रहता है.
‘डंपिंग ग्राउंड के लिए स्थायी जमीन की तलाश जारी है. वर्तमान में खाली जगहों पर कचरे को फेंका जा रहा है.’
अलोइस लकड़ा, आयुक्त, देवघर नगर निगम देवघर.