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परेशानी: जसीडीह व मधुपुर में पड़ी है चावल की बोरियां, एफसीआइ ने चावल लेने से किया इनकार

देवघर: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धान क्रय केंद्र पर इन दिनों ग्रहण लग गया है. एफसीआइ ने राइस मिलों से चावल लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण 1200 क्विंटल चावल एफसीआइ के बाहर पिछले तीन दिनों से पड़ा हुआ है. इसमें एक ट्रक चावल मधुपुर एफसीआइ व चार ट्रक चावल जसीडीह एफसीआइ के […]

देवघर: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धान क्रय केंद्र पर इन दिनों ग्रहण लग गया है. एफसीआइ ने राइस मिलों से चावल लेने से इनकार कर दिया है. इस कारण 1200 क्विंटल चावल एफसीआइ के बाहर पिछले तीन दिनों से पड़ा हुआ है. इसमें एक ट्रक चावल मधुपुर एफसीआइ व चार ट्रक चावल जसीडीह एफसीआइ के बाहर खड़ी है.

जसीडीह एफसीआइ ने एक ट्रक के 540 बोरी चावल तो अनलोड कर लिया, लेकिन जांच के बाद इसे मानक के अनुरुप नहीं पाया. अब 540 बोरी चावल बरामदे में पिछले तीन दिनों से पड़ा हुआ है. इसकी सूचना मिलने पर गुरुवार को डीएसओ दिलीप कुमार सिंह व डीसीओ सुशील कुमार जसीडीह एफसीआइ पहुंचे, लेकिन काफी आग्रह के बाद भी एफसीआइ के एरिया मैनेजर ने चावल लेने से इनकार कर दिया. एरिया मैनेजर के अनुसार एक ट्रक से निकाले गये 540 बोरा चावल जांच में एफसीआइ के मानक के अनुसार चावल का गुणवत्ता नहीं पाया गया है.

पैक्सों में जमा हो रहा है धान भंडारण
राज्य सरकार इस बार पैक्सों से डेढ़ गुणा धान राइस मिलों तक भेजने से पहले एडवांस के तौर पर राइस मिलाें से चावल ले रही है. इसी शर्त पर दो मार्च को पांच राइस मिलों ने चावल जसीडीह व मधुपुर एफसीआइ को भेजा था. चावल अनलोड नहीं होने के कारण पैक्सों में धान की खरीदारी पर प्रभाव पड़ रहा है. चूंकि राइस मिल तेजी से चावल सप्लाई करेगी, तभी पैक्स धान का उठाव करेगी. लेकिन उठाव नहीं होने से पूर्व से ही लगातार पैक्सों में धान भंडारण बढ़ गया है. इससे अब कारण किसानों की धान खरीदारी नियमित ढंग से नहीं हो रही है. इस वजह से किसानों को विवश होकर बाजार में धान बेचना पड़ रहा है.
डीसी ने पूरे तथ्य के साथ एफसीआइ से मांगी रिपोर्ट
एफसीआइ द्वारा चावल लेने से इनकार किये जाने के बाद डीसी अरवा राजकमल ने नाराजगी प्रकट की है. डीसी ने एफसीआइ के इस रवैये की शिकायत फोन से आपूर्ति विभाग के सचिव तक से की है. डीसी ने एफसीआइ के अधिकारियों से चावल नहीं लेने के तकनीकी कारण व पूरे तथ्यों के साथ रिपोर्ट मांगी है. डीसी ने कहा कि एफसीआइ के इस रवैये की वजह से पैक्सों में सीधा प्रभाव पड़ रहा है. किसान अपना धान पैक्स में नहीं बेच पा रहे हैं, अगर नुकसान की वजह से एक भी किसान के आत्महत्या की सूचना आयी तो एफसीआइ के अधिकारियों पर प्र्रशासन केस दर्ज करायेगी.
एफसीआइ के जीएम पहुंचे जांच में
एफसीआइ के जीएम मुतू मारण शुक्रवार को रांची से देवघर देर शाम पूरे मामले की जांच करने पहुंचे. जीएम शनिवार को एफसीआइ जसीडीह में स्वयं चावल की जांच करवायेंगे व उसके बाद आगे निर्णय होगा. जीएम ने बताया कि चावल की गुणवत्ता की जांच की जायेगी.

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