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15 राज्यों की पुलिस के रडार पर जामताड़ा व देवघर

देवघर: संताल परगना के दो जिले जामताड़ा व देवघर साइबर क्राइम का प्रमुख केंद्र बन गया है. दोनों जिलों में सक्रिय साइबर अपराधी सिर्फ झारखंड पुलिस ही नहीं, देश भर की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गये हैं. डीआइजी डीबी शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया है. पिछले एक वर्ष के दौरान देश […]

देवघर: संताल परगना के दो जिले जामताड़ा व देवघर साइबर क्राइम का प्रमुख केंद्र बन गया है. दोनों जिलों में सक्रिय साइबर अपराधी सिर्फ झारखंड पुलिस ही नहीं, देश भर की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गये हैं. डीआइजी डीबी शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया है. पिछले एक वर्ष के दौरान देश में शायद ही कोई ऐसा राज्य बचा है, जहां की पुलिस ने साइबर क्राइम मामले की छापेमारी करने नहीं पहुंची हो. औसतन हर दूसरे दिन अलग-अलग राज्यों की पुलिस जामताड़ा व देवघर में छापेमारी करने पहुंच रही है. छापेमारी में दूसरे राज्यों की पुलिस के सहयोग में स्थानीय पुलिस को लगना पड़ रहा है.
इसके बावजूद साइबर क्राइम पर लगाम नहीं लग रही है. साइबर अपराधी के जाल में देश के कई जज से लेकर बड़े-बड़े अधिकारी, व्यापारी, किसान व गरीब आम लोग तक फंस चुके हैं. साइबर अपराधी बैंक अधिकारी बनकर लोगों का एटीएम नंबर मांग लेते हैं और पल भर में बैंक खाते से पैसे का ट्रांसफर कर लेते हैं. पुलिस के अनुसार इस खेल में अधिकांश साइबर अपराधी जिस फोन नंबर से कॉल कर लोगों को फांसते हैं, उस नंबर का सिम कार्ड फरजी नाम व पते से निर्गत रहता है. इस कारण पुलिस अपराधी को पकड़ नहीं पाती है. यही कारण है कि कई राज्यों की पुलिस गलत आइडी पाये जाने पर बैरंग वापस भी लौट चुकी है. जिन राज्यों की पुलिस का साइबर सेल ठोस हैं, वहां की पुलिस साइबर अपराधियों को अपने में गिरफ्त में ले चुकी है. फिर भी वापस लौट चुकी लगभग 15 राज्यों की पुलिस की नजर जामताड़ा व देवघर के साइबर अपराधियों व उनके हरकतों पर हैं. रिकार्ड के अनुसार, जामताड़ा व देवघर जिले में अब तक कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, यूपी, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर, तामिलनाडु, केरल, अंडमान निकोबार, पंजाब, पश्चिम बंगाल व हरियाणा पुलिस की नजर इन दोनों जिले के साइबर अपराधियों पर है. इसमें कई ऐसे राज्य हैं जो साइबर सेल के जरिये साइबर अपराधी की हर गतिविधि पर नजर टिकायी हुई है.
वृद्ध व निरक्षराें के आइडी का इस्तेमाल
साइबर अपराधी जिस आइडी का इस्तेमाल करते हैं उसमें अधिकांश वृद्ध, निरक्षर महिला व पुरुष होते हैं. पिछले दिनों देवघर के मोहनपुर व सारठ थाना क्षेत्र में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली की पुलिस ने जिस आइडी के ठिकाने पर साइबर अपराधियों के घर छापेमारी की, वहां संबंधित महिला व पुरुष में कोई 95 वर्ष का वृद्ध मिला तो ऐसी महिला मिली जो हस्ताक्षर करना भी नहीं जानती. इस्तेमाल किये गये आइडी की कई महिलाएं तो हिंदी बोलना तक नहीं जानती थीं.
साइबर क्राइम जोन
जामताड़ा जिले के करमांटांड़ का इलाका सइबर क्राइम का प्रमुख केंद्र माना गया है. जामताड़ा के ही नारायणपुर, मिहीजाम, कुंडहीत व नाला भी साइबर क्राइम का जोन हो चुका है. देवघर जिले में घोरमारा, सारठ, मधुपुर, मारगोमुंडा, पालोजोरी व जसीडीह का इलाका साइबर क्राइम के जाेन में है. इस अपराध में लिप्त अधिकांश युवकों का उम्र 16 से 25 तक है. एक वर्ष के अंदर ही गिरोह के कई सदस्य महंगी वाहनों के मालिक बन गये हैं.
क्या कहती हैं देवघर एसपी
देवघर में साइबर अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है. काफी हद तक साइबर अपराध में लिप्त युवकों की गिरफ्तारी भी हुई है. इससे देवघर में साइबर अपराध में कंट्रोल भी हुआ है. गिरफ्तारी से ही पूरी तरीके से साइबर अपराध में कंट्रोल किया जा सकता है. पुलिस ध्यान केंद्रित कर काम कर रही है.
– ए विजयालक्ष्मी, एसपी, देवघर
क्या कहते हैं जामताड़ा के प्रभारी एसपी
जामताड़ा में साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए ग्रास रुट पर जागरुकता अभियान चलाने की प्लानिंग है. सेल बनाकर काम किया जायेगा. इस अपराध में लिप्त युवकों की आर्थिक बैकग्राउंड के बारे में पता लगाया जायेगा. संदिग्ध इलाके में युवक कैसे अचानक अमीर हो जा रहे हैं, इस पर गुप्त ढंग से निगरानी रखी जायेगी. आम लोगों से भी अचानक पैसा कमाने वाले साइबर अपराध के संदिग्ध युवकों के बारे में जानकारी देने की अपील की जायेगी.
– विपुल शुक्ला, प्रभारी एसपी, जामताड़ा

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