देवघर: देवनगरी में लगने वाला बसंत पंचमी मेला प्राचीन काल से चली आ रही धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ है. इसके बावजूद राज्य सरकार से लेकर जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है़ पूर्व की तरह आज भी बाबा भोले के ससुराल से आये तिलक की रस्म को पूरा करने वाले अतिथियों को खुले आसमान के नीचे रहना पड़ता है़ तिलकहरुओं ने बतायी अपनी परेशानी…
सरकार का इस प्राचीन मेले की ओर कोई ध्यान नहीं है. आज भी खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं. शुद्ध पेयजल के लिए काेई ठोस व्यवस्था नहीं की गयी है.
– कमलेश झा, धौनसा, जनकपुर नेपाल
यहां सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है़ इसका समाधान होना चाहिए. यहां बाबा की बदौलत ही अर्थव्यवस्था है़ सरकार को देखना चाहिए कि यहां का पूरा राजस्व यात्रियों से आता है.
– श्रवण यादव, जनकपुर
भारत सरकार की ओर से प्रायोजित स्वछता अभियान का पालन नहीं हो रहा है़ शहर के नामी स्कूल परिसरों में बड़ी संख्या में भक्तों का जमावड़ा लगा है़ बावजूद सरकार की ओर से मोबाइल टॉयलेट तक की व्यवस्था नहीं है़ इससे महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है.
– मुन्ना मांझी, दरभंगा
हर साल की तरह पूजा कराने की व्यवस्था से लेकर पेयजल की समस्या दूर हुई है. जिला प्रशासन की ओर से इस बार ठहराव स्थल पर हैडपंप से पेयजल की व्यवस्था की गयी है.
– जीवछ राय, खड़ारी