देवघर : खादी अौर ग्रामोद्योग, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय की अोर से आरएल सर्राफ स्कूल मैदान में 15 दिनों तक चलनेवाले राज्यस्तरीय खादी महोत्सव में आठ दिन में महज पांच लाख का ही कारोबार हुआ है. खादी ग्रामोद्योग में बने खादी वस्त्र एवं उत्पाद के अलावा पीएमइजीपी के जरिये उत्पादित वस्तुअों की बिक्री हो सकी है.
आयोजन समित के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों से आनेवाले संस्था के प्रतिनिधि तथा झारखंड राज्य के अलग-अलग जिलों से आये संस्था के लोगों में मायूसी है. उन्हें ऐसा लगता है कि शायद देवघरवासी गांधी के खादी को भूल गये हैं या फिर भूलते जा रहे हैं. वरना इतने दिन बाद भी यह हश्र नहीं होता. स्टॉल संचालकों का कहना है कि पिछले साल मार्च-अप्रैल माह में आरमित्रा स्कूल ग्राउंड में आयोग की अोर से खादी महोत्सव का आयोजन किया गया था.
जो काफी सफल रहा था. उस महोत्सव में तकरीबन 72-75 लाख रुपये का कारोबार हुआ था. मगर आरमित्रा की जगह आरएल सर्राफ में ठंड के सीजन में इस महोत्सव के आयोजन के बाद भी लोगों का रूझान दिखाई नहीं पड़ रहा है. लोगों की भीड़ जुटाने व खरीदारी बढ़ाने के इरादे से रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है. पूरे महोत्सव स्थल पर सौ से ज्यादा स्टॉल बनवाये गये थे. इनमें से 10-15 संस्थाअों के प्रतिनिधि देवघर पहुंचे ही नहीं. हालांकि आयोग व आयोजन समिति के पदाधिकारियों को आखिरी पांच दिनों में अच्छी खरीद-बिक्री की उम्मीद है. इसी क्रम में दो संस्था के प्रतिनिधि महोत्सव में पहुंचे हैं. उन लोगों ने स्टॉल पर बिक्री के लिए अपने उत्पाद भी सजा लिये हैं.
क्या कहते हैं स्टॉल के प्रभारी
प्रचार-प्रसार के साथ समन्वय का अभाव है. नयी जगह के विषय में शहरवासियों के बीच प्रचार-प्रसार की व्यवस्था नहीं हुई. हालांकि फरवरी के चार-पांच दिनों में बेहतर होने की संभावना है.
– रविंद्र पांडेय, स्टॉल प्रभारी, संप ग्रामोद्योग समिति
देवघर में यह समय अनुकुल नहीं रहा. अॉफ टाइम में इसका आयोजन किया गया. दूसरे समय में इसका आयोजन होना चाहिये था.
– जयराम पंडित, स्टॉल प्रभारी, खादी ग्रामोद्योग संघ,धनबाद
खादी आयोग की अोर से सुविधाअों में कोई कसर नहीं छोड़ा गया. अब खरीदार ही नहीं आ रहे हैं तो बिक्री तो प्रभावित होगी ही.
– गणेश प्रसाद राय, खादी ग्राम, गोड्डा
पब्लिक रिश्पांस बहुत ही खराब है. पिछले छह दिनों के दौरान मेरे स्टॉल से मात्र एक से डेढ़ हजार रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई है.
– सुमंत चत्रवर्ती, समग्र विकास परिषद, रानीश्वर