देवघर : भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की छापेमारी में जिला चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पकड़े जाने से शिकायतकर्ता पंचू काफी खुश था. उसने पत्रकारों को बताया कि बिना घूस के ऋण राशि नहीं दी जा रही थी. काफी आरजू-मिन्नत के बाद भी काम नहीं हुआ तब निगरानी की शरण में गया. 10 प्रतिशत पीसी पर सूअर पालन की ऋण उसके नाम स्वीकृत किया गया था.
पहले साढ़े पांच लाख रुपये के ऋण राशि भुगतान में उससे 55 हजार रुपया ले लिया गया था. बाकी के बचे 50 हजार रुपया देने के नाम पर उससे 10 हजार रुपये की मांग की गयी थी. एक बार चलंत चिकित्सा पदाधिकारी उसे डीएचओ के पास भी ले गये थे. वहां भी डीएचओ के सामने दिये गये ऋण की रिकवरी कराने व जेल भेजवाने की धमकी दी गयी थी.
बावजूद उसने हार नहीं मानी. उसके पास पैसा नहीं था तो परिचित मनोज मंडल से 10 हजार रुपये का चेक मांगा. इसके बाद चेक लेकर गया तो साहब ने बैंक से कैश करा कर लाने कहा. तब उसने शिकायत निगरानी में दी. गुरुवार को निगरानी टीम की मौजूदगी में पुन: पशुपालन कार्यालय पहुंच कर आरजू-मिन्नत किया.
बावजूद उन्हें बकाया ऋण राशि नहीं मिला तो सुबह में नगदी पांच हजार रुपया व चेक लेकर चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी का कार्यालय गया. पहले उन्होंने लेने से इनकार किया फिर निवेदन किये जाने पर नगदी रुपया रख लिया और चेक को कैश करा कर लाने कहा. इसके बाद आसपास में मंडरा रही निगरानी टीम ने जिला चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर महेश कुमार वर्णवाल को पकड़ लिया.