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डीएसइ को डीडीओ के पद से हटाने व सेवा शर्त नियमावली जारी रखने की मांग

देवघर : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ इकाई देवघर का एक प्रतिनिधि मंडल जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर से मिला. प्रतिनिधि मंडल ने मोहनपुर एवं सारवां प्रखंड के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के पद से जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को हटाने, परीक्षा में केंद्राधीक्षक की नियुक्ति पांच किलोमीटर के अंदर करने एवं राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय […]

देवघर : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ इकाई देवघर का एक प्रतिनिधि मंडल जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर से मिला. प्रतिनिधि मंडल ने मोहनपुर एवं सारवां प्रखंड के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के पद से जिला शिक्षा अधीक्षक सुधांशु शेखर मेहता को हटाने, परीक्षा में केंद्राधीक्षक की नियुक्ति पांच किलोमीटर के अंदर करने एवं राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय सेवा शर्त नियमावली 2004 को लागू करने से संबंधित ज्ञापन सौंपा. संघ के अध्यक्ष एवं सचिव ने कहा कि विभाग द्वारा अवर प्रमंडल शिक्षा पदाधिकारी सह जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर को मोहनपुर एवं सारवां प्रखंड का निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी बनाये गये हैं.
लेकिन, तब से शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को नियमित भुगतान नहीं होता है. प्रभारी पदाधिकारी से वेतन भुगतान की गुहार लगाते हैं तो काम का बहाना बना कर बिल पर हस्ताक्षर करने में विलंब करते हैं. इससे विद्यालय का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है. सेवानिवृत्त कृष्ण देव सिन्हा की फाइल महीनों से कार्यालय में लंबित है. लेकिन, उसका निष्पादन नहीं किया गया है. इसलिए शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों के हित को देखते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर को निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी के पद से अविलंब हटाया जाये. आगामी माध्यमिक परीक्षा में केंद्राधीक्षक के पद पर शिक्षकों की नियुक्ति पांच किलोमीटर की परिधि में किया जाये.

परीक्षा केंद्र पर बेंच-डेस्क की उपलब्धता भी प्रशासिनक स्तर पर करायी जाये. पिछले वर्ष केंद्राधीक्षक द्वारा बेंच-डेस्क की ढुलाई का बकाया का भुगतान अविलंब कराने की मांग की है. पदाधिकारी द्वय ने कहा कि राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय सेवाशर्त्त नियमावली 2004 के अनुसार राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक का पद रखा गया है. माध्यमिक शिक्षकों के वरीयता सूची का निर्धारण एवं प्रकाशन निदेशालय द्वारा हो गया है. प्लस टू की वरीयता सूची अब तक नहीं बनी है. प्लस टू के शिक्षक गलत बयानबाजी कर दिग्भ्रमित कर रहे हैं. इसलिए सेवाशर्त नियमावली को लागू रखते हुए शिक्षकों को अधिकार हनन से बचाया जाये.प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष कालीचरण चौधरी, जिला सचिव अनिल कुमार, प्रमडलीय सचिव अरविंद कुमार सिंह, राज्यउपाध्यक्ष वीरभद्र पांडेय, प्रमंंडलीय संगठन सचिव रंजीत कुमार दूबे, उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव, रमेश सिंह, कामेश्वरनाथ चौबे, विजय शंकर, वीरेंद्र कुमार, किसलय आदि शामिल थे.

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