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छात्र संघ का चुनाव टलने से छात्रों में आक्रोश

देवघर. आगामी 29 जनवरी को कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय स्तर पर 4 फरवरी को होने वाला छात्र संघ चुनाव टाल दिया गया है. सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका एवं अधीनस्थ सभी महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर केंद्र में छात्र संघ का चुनाव अब आगामी अगस्त के अंत तक संपन्न होगा. यह निर्णय बीते दिनों छात्र संघ चुनाव के […]

देवघर. आगामी 29 जनवरी को कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय स्तर पर 4 फरवरी को होने वाला छात्र संघ चुनाव टाल दिया गया है. सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका एवं अधीनस्थ सभी महाविद्यालय एवं स्नातकोत्तर केंद्र में छात्र संघ का चुनाव अब आगामी अगस्त के अंत तक संपन्न होगा. यह निर्णय बीते दिनों छात्र संघ चुनाव के लिए बनायी गयी समिति की बैठक में लिया गया. अध्यक्ष सह छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ विनोद कुमार झा की अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यवेक्षक डॉ हीरालाल राम, डॉ अखिलानंद पाठक, डॉ शम्स तबरेज खान, प्रो प्रशांत, प्रो शर्मिला सोरेन मौजूद थे.

समिति के इस फैसले से छात्र संगठनों एवं छात्रों में काफी नारागजी है. आक्रोशित छात्रों का कहना है कि पिछले आठ वर्षों से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर छात्र संघ का चुनाव लंबित है. चुनाव नहीं होने के कारण छात्र-छात्राएं नेतृत्वविहीन हैं. छात्र लगातार समस्याओं से जूझ रहे हैं.

इधर, विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो रांची में आयोजित पिछली बैठक में कुलाधिपति सह राज्यपाल ने आगामी अगस्त-सितंबर में छात्र संघ चुनाव कराने का निर्देश दिया था. इसी दिशा-निर्देश के आलोक में सिदो कान्हू मुरमू विवि में भी छात्र संघ के चुनाव कार्यक्रम परिवर्तित कर दिया गया. अब अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में चुनाव संपन्न कराने की योजना बनायी गयी है.
क्या कहते हैं छात्र नेता : ‘निर्धारित समय पर ही चुनाव कराना चाहिए. कमेटी का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी कॉलेजों से वोटर लिस्ट भी विश्वविद्यालय को भेज दिया गया है.’
– मयूरी गुप्ता, छात्र नेता
‘विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के अधिकारों को दबाने की कोशिश कर रहा है. कहीं न कहीं राजनीतिक पार्टी का भी दबाव है. यथाशीघ्र चुनाव नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे.’
– उत्तम शाही, छात्र नेता
‘यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है. चुनाव नहीं होने से छात्रों को बेहतर प्लेटफॉर्म से वंचित रखने का प्रयास है. विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाना रवैया को छोड़ चुनाव करायें.’
– विष्णुकांत, छात्र नेता
‘चुनाव नहीं होने से छात्रों को चयनित प्रतिनिधि से वंचित रखा गया है. छात्र अपनी समस्याओं को ठीक ढंग से नहीं रख पा रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इससे छात्रों में रोष है.’
– सौरभ पाठक, छात्र नेता
विश्वविद्यालय प्रशासन का तानाशाह रवैया है. चुनाव होने से छात्रों को बेहतर नेतृत्व मिलता. छात्रों के हित को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन अविलंब चुनाव करायें.’
– कृष्णदेव चौधरी, छात्र नेता

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