देवघर: मध्यस्थता मुकदमों के सौहार्दपूर्ण निबटारे के लिए सशक्त माध्यम है. इसमें किसी पक्ष की हार नहीं होती है. दोनों पक्षों की जीत ही होती है और पक्षकार अपना फैसला खुद करते हैं. इसका लाभ लें और मुकदमों के दावं पेच से मुक्ति पायें. उक्त बातें जिला अधिवक्ता संघ भवन में डालसा के तत्वावधान में आयोजित मध्यस्थता जागरूकता शिविर में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल सह मध्यस्थ एक्सपर्ट संजय कुमार ने कही. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता वास्तव में पंचायती परंपरा का ही विकसित रूप है.
यह चार प्रक्रियाओं परिचय, संयुक्त सत्र, एकल सत्र व समझौता सत्र से होकर अंतिम फैसले पर पहुंचने का सरल मार्ग है. श्री कुमार ने न्यायिक प्रक्रिया और मध्यस्थता के माध्यम से सुलह हुए मुकदमों की प्रक्रिया को विस्तार से बताया. कहा कि यह प्रक्रिया 2005 से चल रही है लेकिन 2012 से कारगार साबित हुआ है जिसमें देश भर में 95 हजार मुकदमे आये. इसमें से 70 प्रतिशत मुकदमों का निबटारा हो चुका है. अनुरोध किया कि इस सरल प्रक्रिया को जन-जन तक पहुंचाएं ताकि इसका लाभ लोग ले सकें तथा शांति कायम हो सके. समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज श्रीवास्तव ने मध्यस्थता पर जोर दिया तथा अधिवक्ताओं से अपील की कि इसके लिए पक्षकारों को प्रेरित करें. उन्होंने मध्यस्थता से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जो प्रसिद्धि मिली है, को उद्धरण के तौर पर रखा. सुप्रीम कोर्ट से आये एडवोकेट व मध्यस्थ एक्सपर्ट राजेश गुप्ता ने मध्यस्थता की महत्ता को शिविर में बताया. अनुरोध किया कि न्यायिक पदाधिकारी ज्यादा से ज्यादा केस को मध्यस्थ के लिए भेजें. शिविर में एडीजे चतुर्थ अजीत कुमार, एसीजेएम सुनील कुमार सिंह, स्टेट बार कौंसिल के सदस्य अमर सिंह, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बैद्यनाथ यादव, फेमिली कोर्ट के जज घनश्याम मल्लिक, अधिवक्ता एके भैया आदि ने विचार रखे. मंच का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ध्रुव चंद मिश्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रम न्यायालय के पीठासीन पदाधिकारी श्रीकांत राय ने किया.
ये थे मौजूद
जागरूकता शिविर में न्यायिक पदाधिकारियों में एडीजे दो ओम प्रकाश सिंह, सीजेएम वीणा मिश्र, अवर न्यायाधीश सात राजेश शरण सिंह, एसडीजेएम देवघर मनीष रंजन, न्यायिक दंडाधिकारी अनूप तिर्की, एलएस तिग्गा,राजीव रंजन, एमसी नारायण, अजय कुमार सिंह, स्थायी लोक अदालत के चेयरमेन रामधनी साह, सदस्यगण, अधिवक्ताओं में वरीय अधिवक्ता प्रदीप सिन्हा, एफ मरीक, मदन मोहन राय, सुनीता मजूमदार, महामाया राय, अशोक राय, अरविंद कुमार, हरे कृष्ण राय, संजय मिश्र, संजय झा, चक्रधर सिंह, वीरेश वर्मा,कौशल कुमार आदि थे.
आज होगा समापन
सिविल कोर्ट परिसर में मध्यस्था पर आयोजित कार्यशाला का समापन एक दिसंबर को होगा. इस अवसर पर मध्यस्थ करने वाले 28 अधिवक्ताओं को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए कचहरी परिसर स्थित लॉ लाइब्रेरी में यह कार्यक्रम दो जगहों पर रखा गया है. एक जगह पर मेडियेटर व दूसरे जगह पर न्यायिक पदाधिकारियों को इसकी जानकारी दी जायेगी. इस आशय की जानकारी डालसा के सचिव डीसी मिश्र ने दी.