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त्रिकूट रोपवे में सुरक्षा के बंदोबस्त नहींकैमरामैन व गाइड की यहां चलती में मरजी – घटना को लेकर पहले भी हो चुका है केस-मुकदमा- गाइड नहीं लेने पर गुटबंदी कर सैलानी व पर्यटकों के साथ करतेे हैं दुर्व्यवहारसंवाददाता, देवघरचर्चित पर्यटन स्थल होने के बावजूद त्रिकूट पहाड़ पर सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं हैं. पहाड़ के नीचे में तो आसपास के दुकानदार, स्थानीय लोग व रोपवे प्रबंधन के लोग मिल भी जाते हैं, लेकिन रोपवे के ऊपर कोई भी नहीं रहता. इसका फायदा यहां के कैमरामेन व गाइड उठाते हैं. उनकी यहां मनमर्जी चलती है. अगर कोई पर्यटक बिना गाइड के घूमने जाता है तो पहले उनलोगों द्वारा आपत्ति की जाती है. फिर घेराबंदी कर मारपीट व गाली-गलौज पर उतारु हो जाते हैं. रोपवे पर पर्यटक-सैलानियों के साथ लगातार घटनाएं होती रही है. नीचे में तो रोपवे प्रबंधन समेत आसपास के लोग भी हस्तक्षेप की कोशिश करते हैं, लेकिन जब सैलानी-पर्यटक रोपवे से ऊपर पहुंचते हैं तो वहां दो-चार दुकानदार छोड़ गाइड व कैमरामेन के अलावा कोई नहीं मिलता है. पूर्व में भी सैलानियों, पर्यटकों के साथ हुई घटनाओं को लेकर मोहनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी. उस वक्त आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था. एक कैमरामेन ने पुलिस व रोपवे प्रबंधक के सामने मांगी थी लिखित माफीसात जनवरी 2015 को एक कैमरामैन नंदकशोर सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत मिली थी. इसके बाद उक्त कैमरामेन ने पुलिस व रोपवे प्रबंधन की मौजूदगी में लिखित तौर पर माफी भी मांगी थी. दोबारा ऐसी घटना नहीं होने की बात का माफीनामे में जिक्र भी किया था.तत्कालीन एसडीओ की अध्यक्षता में बनी थी सुरक्षा समितिलगातार हो रही घटनाओं को लेकर पूर्व में तत्कालीन एसडीओ की अध्यक्षता में रोपवे प्रबंधन समेत गाइड, फोटोग्राफरों व स्थानीय लोगों के साथ बैठक आयोजित की गयी थी. उक्त बैठक में आम सहमति से सुरक्षा समिति गठित की गयी थी. हर महीने उक्त सुरक्षा समिति की बैठक कर समीक्षा का भी निर्णय लिया गया था. हालांकि वही बैठक पहली और अंतिम हुई थी. उसके बाद कभी कोई बैठक सुरक्षा समिति की नहीं हो सकी. लगातार रोपवे पर हो रही घटनाओं के बाद भी पुलिस-प्रशासनिक महकमे ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. किसी के द्वारा रोपवे पर सुरक्षा मुहैया कराने की कोई पहल नहीं की जा सकी. अगर पहल हुई होती तो दोबारा रविवार की घटना नहीं होती.जनप्रतिनिधि व अधिकारी ने भी कभी सुधि लेना उचित नहीं समझात्रिकूट रोपवे झारखंड राज्य का एकमात्र रोपवे है, जो अक्सर सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इससे न ही सिर्फ सरकार को राजस्व वसूली होती है, बल्कि स्थानीय दर्जनों लोगों को भी इससे रोजगार मिला है. स्थानीय जनप्रतिनिधि हो या बड़े राजनेता व अधिकारी, देवघर पहुंचने पर उनकी भी इच्छा रोपवे का आनंद लेने की होती है. सभी रोपवे का आनंद उठाने पहुंचते हैं. लगातार रोपवे पर होने वाली घटनाओं से संबंधित समाचार भी मीडिया में आती है, बावजूद किसी जनप्रतिनिधि, अधिकारी व राजनेता ने भी कभी रोपवे की सुधि लेना उचित नहीं समझा. साथ ही रोपवे पर सुरक्षा के लिए किसी के द्वारा कोई पहल तक नहीं की गयी.

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