देवघर : घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए अब राहत की बात है. पहली दिसंबर से गैस सिलेंडर के एवज में मिलने वाली सब्सिडी की राशि सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में भेज दी जायेगी. मगर विभागीय पदाधिकारियों के लिए यह घोषणा चिंता की बात बनती जा रही है.
कारण यह है कि घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए उपभोक्ता के बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है. मगर पूरे संताल परगना प्रमंडलीय क्षेत्र में मात्र पांच फीसदी उपभोक्ताओं के बैंक खाते आधार कार्ड से सीडिंग हो सके हैं.
जबकि दूसरे अन्य जिलों में यह आंकड़ा 30 फीसदी के पार जा पहुंचा है. उक्त जानकारी इंडेन, झारखंड के चीफ एरिया मैनेजर उदय कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि संताल परगना क्षेत्र के लोंगों में जागरुकता की कमी है. जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक यह ग्राफ नहीं बढ़ेगा.
अभियान को शुरू करने से एक माह पहले से वित्त मंत्रलय, पेट्रोलियम मंत्रलय व आइओसी के निर्देश पर बीते एक माह से बैंक पदाधिकारी व इंडेन के वितरक बैंक खातों से आधार कार्ड को लिंक करने की कोशिश में जुटे हैं.
तीन माह का दिया जायेगा समय : इंडेन की ओर से उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ लेने के लिए तीन माह का समय दिया जायेगा. इस दौरान उपभोक्ताओं को दिसंबर, जनवरी व फरवरी माह के बीच अपने आधार कार्ड नंबर को बैंक खाते के साथ लिंक करना जरूरी है.
इसके बाद भी उपभोक्ता अपने खाते को लिंक नहीं करते हैं तो उन्हें सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा. फिलहाल जिन उपभोक्ताओं का खाता आधार नंबर से लिंक हो चुका है तो उन्हें पहली दिसंबर से सब्सिडी का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन होना चाहिए : पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि आधार कार्ड को ही सिर्फ आधार नहीं माना जाय. जिनका आधार कार्ड नहीं बना है तो उनके दूसरे पहचान को पहचान का जरिया मानते हुए उसे बैंक खाते से जोड़कर सब्सिडी का लाभ दिया जाना चाहिए. अगर ऑयल कंपनी ऐसा नहीं करती है तो इसे कंटेप्ट ऑफ कोर्ट माना जायेगा.
– सुभाष चंद्र ठाकुर, वरीय अधिवक्ता.
दो साल बाद भी नहीं आया आधार
पहली बार 2010 में आधार कार्ड बनवाया तो उसमें उम्र में त्रुटि रह गयी. ठीक करने दी तो वापस नहीं आया. दोबारा रांची हाइकोर्ट में 2012 में बनवाया. मगर वो भी नहीं आया. ऐसे में सब्सिडी के लिए कहां से आधार कार्ड लायें. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि सिर्फ आधार ही पहचान नहीं है. दूसरा पहचान पत्र भी उतना ही महत्वपूर्ण है.
– कविता झा, अधिवक्ता सह सीड्ब्ल्यूसी अध्यक्ष.