– मजदूरों ने लगाया मजदूरी कम, काम अधिक कराने का आरोप
– सुबह से देर रात कराया जाता है काम
– कहा, मानक का नहीं हो रहा पालन
– हो रही सिर्फ खानापूर्ति
– जांच की मांग
सारठ बाजार : ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा एक करोड़ की लागत से गोपीबांध-ङिालुवा पथ पर जुलिया नदी में बनाये जा रहे पुल निर्माण कार्य को मजदूरों ने ठप कर दिया. मजदूरों का विरोध पुल निर्माण के दौरान काम अधिक कराने के एवज में कम मजदूरी देने पर था.
निर्माण कार्य में लगे मजदूर धर्मे मुमरू, करण किस्कू, बाबूजन किस्कू, पांडू मुमरू, वकील मुमरू, बाबूसल मुमरू, शंकर मुमरू, कामेश्वर मुमरू, मालती मुमरू, रानी किस्कू, मरांगकुड़ी किस्कू आदि ने कहा कि संवेदक द्वारा पुल निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को प्रतिदिन अहले सुबह से रात नौ बजे तक काम कराया जाता है व मजदूरी महज 140 रुपये दी जाती है. मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक के जगह 15 दिनों में भी नहीं किया जाता है.
निर्माण में हो रही अनदेखी
उधर ङिालुवा, बोड़वा, बड़ा कोल्हड़िया, जीवनाबांध समेत अन्य गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक द्वारा पुल निर्माण कार्य में प्राक्कलन की घोर अनदेखी की जा रही है. पायलिंग में गहराई 32 फीट के जगह महज 25/26 फीट ही की जाती है. वहीं पुल के लिए बने प्लेटफॉर्म की चौड़ाई संवेदक द्वारा पहले कम ढाला गया था. बाद में अभियंता द्वारा कम चौड़ाई कहे जाने पर तोड़ कर नये सिरे से ढालने के बजाय जैसे-तैसे बगल में ढलाई कर जोड़ा जा रहा है.
मजदूरों का कहना है कि पुल बनने के बाद कभी भी तेज बहाव में बह सकता है. उधर कई स्थानीय मेटेरियल सप्लायर ने बताया कि संवेदक की बात पर सामग्री उपलब्ध करायी गयी थी. मगर एक माह बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.