देवघर : देवघर पुलिस के कार्य की ईमानदारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक मारपीट के मामले में आरोपित बने तीन यातायात जवानों को करीब दो सप्ताह बाद भी चिह्न्ति नहीं कर सकी है.
अगर पुलिस की इच्छाशक्ति होती तो चंद मिनट में उन जवानों की पहचान हो सकती थी. पुलिस ने ऐसा क्यों नहीं किया, लोग आसानी से समझ सकते हैं. बताते चलें कि नगर थाना कांड संख्या 676/13 में यातायात जवान निखिलजीत यादव के अलावा तीन यातायात जवानों को आरोपित बनाया गया था. मामला दर्ज होने के बाद निखिलजीत को एसपी ने तत्काल निलंबित तो कर दिया, लेकिन घटना के दो सप्ताह बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
और तो और बाकी तीन अज्ञात यातायात जवानों को पहचान तक नहीं करायी गयी है. अगर किसी आम आदमी के खिलाफ केस होता तो पुलिस अब तक उसे नहीं छोड़ती.इस संबंध में पूछने पर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि अब तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है. एक-दो दिनों में तीनों की पहचान करा ली जायेगी.