रात को बिना रिजर्व जसीडीह-देवघर टेंपो यात्रा नहींप्लैग : जसीडीह स्टेशन पर अॉटो चालक पैदा करते हैं अॉटो क्राइसिस-रात को स्टैंड पर चलता है टेंपो चालकों का राज-अनाप-शनाप भाड़ा लेकर रिजर्व चलते हैं-बिना रिजर्व किये नहीं खुलता अॉटो-शेयर में 10 रुपये की जगह रिजर्व करने पर 100-150 तक चुकाना पड़ता है यात्रियों कोफोटो राजीव में हैंप्रतिनिधि, जसीडीह जसीडीह स्टेशन पर रात आठ बजे के बाद उतरे तो आपको देवघर जाने के लिए या तो काफी पैसे खर्च करने होंगे या घंटों इंतजार करना होगा. क्योंकि अॉटो वालों टेंपो क्राइसिस पैदा करते हैं. जानबूझकर गिने-चुने टेंपो स्टैंड में रखकर क्राइसिस दिखा कर रिजर्व के बिना टेंपो चालक हिलते तक नहीं है. रिजर्व भी आप करना चाहेंगे तो अनाप-शनाप भाड़े की मांग करते हैं. इस पर न ही रेलवे, न टेंपो चालक संघ और न ही प्रशासन का कोई अंकुश है. इसका खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ रहा है. बिना रिजर्व किये यात्रियों को लेकर चलते हैं. रिजर्व में यात्रियों से मनमाने किराये की मांग करते हैं. जो यात्री किराया देने में असमर्थ होते हैं. वैसे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है या लोकल ट्रेन का सहारा लेते हैं. इस संबंध में कई बार मामला प्रशासन तक पहुंचा, बावजूद अबतक कोई कार्रवाई या नयी व्यवस्था नहीं बन पायी है. यह परेशानी रांची-बैद्यनाथधाम इंटरसिटी, पटना-हटिया पाटलीपुत्र एक्सप्रेस सहित कई रात्रिकालीन ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों के साथ होता है. कहते हैं यात्री-रात्री में ट्रेन से उतरने के बाद देवघर जाने के लिए ओटो नहीं मिलती हैं. अगर मिलता भी हैं तो रिजर्व में जाने की बात करता है. इस तरह की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए न ही प्रशासन, न पुलिस, न रेलवे और न ही संघ की ओर से कार्रवाई की जाती है. -अशोक प्रसाद – रात में सभी ओटो रिजर्व चलता हैं और यात्रियों से अधिक भाड़ा लिया जाता है. अॉटो की संख्या भी कम हो जाती है. इससे लगता है कि अॉटो क्राइसिस हो गया है. मजबूरन लोग रिजर्व कर जाने को विवश होते हैं.-प्रमोद कुमार झा – रात में झौंसागढ़ी जाने के लिए एक सौ से 150 रूपये तक चालक मांगता है जबकि दिन में रिजर्व में भी 70 रूपये में पहुंचा देते हैं. रात में खूब मनमानी करते हैं टेंपो चालक. कोई देखने वाला नहीं है.-बजरंग लाल बर्णवाल, झौंसागढ़ी, देवघर- जसीडीह स्टेशन पर उतरने के बाद कुछ देर इंतजार करना पड़ता है. तुरंत निकलने के लिए बिना रिजर्व किये कोई उपाय नहीं है. जब भीड़ खाली होता है तब शेयर बेसिस पर अॉटो दस रूपये में देवघर पहुंचाता है. अन्यथा नहीं.-झरीलाल दास- रात को आठ बजे के बाद जो भी ट्रेनें आती है. उसके यात्रियों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. आधा-एक घंटे इंतजार किये तभी शेयर बेसिस पर टेंपो देवघर पहुंचाता है. देवघर के आस-पास जाने के लिए अॉटो को रिजर्व करना पडता है. लेकिन रात का हवाला देकर भाड़ा दिन से दोगुना तक लेते हैं. -मदुसुदन प्रसाद यादव————-कहते हैं टेंपो चालक संघ के अध्यक्ष-जो आरोप टेंपो चालकों पर लगाया जा रहा है, वह निराधार है. स्टैंड टू स्टैंड शेयर में चलता है जबकि अन्यत्र जाने के लिए कई यात्री टेंपो रिजर्व करते हैं. -देवनंदन झा, अध्यक्ष, टेंपो चालक संघ, जसीडीह
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