जसीडीह: जसीडीह एफसीआइ कर्मियों के आंदोलन के कारण दो दिनों से गरीबों के निवाले पर रेलवे साइडिंग में खड़ी रैक में ताला लगा रहा. इस कारण बीपीएल परिवारों के लिए आया चावल दुमका नहीं भेजा जा सका. वहीं दूसरी ओर समय पर रैक नहीं खाली करने के एवज में रेलवे ने एफसीआइ से 2.15 लाख डैमेज चार्ज किया.
इस संबंध में एफसीआइ वर्कर्स यूनियन कोलकाता शाखा जसीडीह के उपाध्यक्ष चितनारायण यादव ने कहा कि संघ ने एफसीआइ प्रबंधन को 15 दिन पहले ही अल्टीमेटम दे दिया है कि जब तक प्रबंधन उनकी 36 सूत्री मांगें पूरी नहीं करेगा, तब तक सांकेतिक हड़ताल जारी रहेगी. श्री यादव ने यह भी कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती है तब तक एक नयी स्ट्रेटजी के तहत हड़ताल की जायेगी. संघ ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी कर्मी नियम के तहत प्रतिदिन कार्य अवधि में ही काम करेंगे. छुट्टी या अवकाश के दिनों में काम नहीं करेंगे.
ओवर टाइम वगैरह भी नहीं करेंगे. इसी हड़ताल की शर्त के कारण छठ की छुट्टी व रविवार होने से जसीडीह रेलवे साइडिंग में आया 41 बैगन में तकरीबन 56 हजार 210 बोरा चावल दो दिनों तक अनलोड नहीं किया जा सका. यह रैक ओड़िशा के काकीनाड़ा पोर्ट से आया था. दो दिनों के बाद सोमवार को कार्यालय खुलने के बाद कर्मियों ने रैक खाली कर चावल को दुमका व गिरिडीह भेजा गया.
रेलवे गोदाम के पदाधिकारी ने कहा कि दो दिनों तक रैक खड़ा रहने पर नियम के तहत 29 घंटे का दो लाख 15 हजार रुपये एफसीआइ पर डीसी चार्ज किया गया है. इस संबंध में एफसीआइ जसीडीह गोदाम प्रबंधक ने कुछ भी बताने से इनकार किया.