देवघर: राम मंदिर मुहल्ला स्थित राजकुमारी कुष्ठाश्रम के सामने स्वास्थ्य विभाग की ओर से लाखों की लागत से दो अलग-अलग भवनों का निर्माण कराया गया था. इन भवनों में सिविल सजर्न (सीएस) सहित चार अन्य मेडिकल ऑफिसरों का आवासीय व्यवस्था होनी थी.
मगर आज सात बरस बाद भी कोई उसमें रहने वाला नहीं मिल रहा है. जबकि देखरेख के अभाव में नये भवन का कमरा व लोहे के दरवाजे जंग खा रहे हैं. इस संबंध में मुहल्ले वासियों ने कई दफा जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों को लिखित शिकायत की है. लोगों ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उक्त भवन नशेड़ियों व अपराधियों की शरणस्थली बनती जा रही है.
फिलहाल उक्त नये भवन की सभी खिड़कियां टूट गयी हैं. जबकि लोहे की ग्रील जंग खाने की वजह से जजर्र होती जा रही है. यदि समय पर इसका मेंटेनेंस नहीं हुआ तो पूरा का पूरा भवन खंडहर हो जायेगा. ज्ञात हो बासठ लाख रूपये की लागत से बने इस भवन को निर्माण के बाद वर्ष 2006 में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया तत्कालीन सीएस को हैंड ओवर कर दिया गया था. सरकार ने इस भवन का निर्माण स्वास्थ्य व्यवस्था को असरदार बनाने व उस काम में लगे चिकित्सकों को वाजिब सुविधा प्रदान करने की नीयत से की थी . हालत यह है कि अब इस मामले में सक्रियता आने के बाद अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं .