देवघर के विभिन्न कॉलेजों में नामांकित अधिकांश छात्र शहर के हॉस्टलों में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं. प्रावधानों के तहत जिला कल्याण विभाग का दायित्व है कि वह समय-समय पर हॉस्टल की समुचित मॉनिटरिंग करे. हॉस्टल में रह रहे छात्रों को प्रावधान के तहत सुविधा उपलब्ध कराएं, लेकिन शहर के कई हॉस्टलों में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है. यहां रह रहे छात्रों को हमेशा परेशानियों से जूझना पड़ता है. प्रभात खबर शहर के विभिन्न हॉस्टलों में उपलब्ध सुविधाओं व कमियों की बारिकी से पड़ताल कर रहा है.
देवघर : देवघर कॉलेज कैंपस स्थित 60 शय्या वाला अनुसूचित जाति कल्याण छात्रावास काफी उपेक्षित है. वर्तमान में करीब 65 छात्र हॉस्टल में रह रहे हैं. हॉस्टल कैंपस में पानी के लिए लगा जेट पंप खराब रहता है. चापानल नहीं है. नतीजा यहां के छात्रों को पानी के लिए लगातार भटकना पड़ता है. जर्जर हाॅस्टल का सिलिंग भी टूट-टूट कर गिर रहा है. सिलिंग टूटने से यहां के छात्र काफी दहशत में हैं. हॉस्टल का वायरिंग भी खराब पड़ा है. साफ-सफाई भी नियमित नहीं होती है. यहां का शौचालय व बाथरूम भी हमेशा जाम रहता है. विभाग के द्वारा हॉस्टल में पहले अखबार भी उपलब्ध कराया जाता था. लेकिन, पिछले कई वर्षों से अखबार भी हाॅस्टल में नहीं पहुंच रहा है.
वर्षों से हॉस्टल में किसी प्रकार की रंगाई-पुताई का काम नहीं हुआ है. यहां न तो इंटरटेनमेंट का कोई साधन है, न ही खेलने के लिए कोई सामग्री ही उपलब्ध है.