देवघर: देवघर के तत्कालीन एसडीओ जय ज्योति सामंता पर निगम निर्वाचन कार्य में कर्तव्यहीनता के आरोप में कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने चेतावनी की सजा अधिसूचित की है. साथ ही इस सजा को उनके सर्विस कैरेक्टर में शामिल करने का भी निर्देश दिया है. श्री सामंता अभी दुमका में डीएसओ के पद पर कार्यरत हैं.
विभाग ने पत्रकारों से मिली शिकायत के आधार पर श्री सामंता के विरुद्ध प्रतिवेदित आरोप, इनके स्पष्टीकरण तथा उपायुक्त देवघर के प्रतिवेदन की समीक्षा की. समीक्षा में पाया गया कि उनके विरुद्ध अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही व उदासीनता के आरोप प्रमाणित हुआ है.
नियमों का किया उल्लंघन : निगम चुनाव में नाम निर्देशन की अंतिम तिथि को राज्य निर्वाचन आयोग ने एसडीओ सामंता सहित अधिसूचित सभी सहायक निर्वाची पदाधिकारी कार्यालय में उपस्थित थे.
इसके बावजूद निर्धारित समय-सीमा समाप्त होने के बाद दरवाजा बंद करने का निर्देश निर्वाची पदाधिकारी ने किसी को नहीं दिया. इससे स्पष्ट है कि उन्होंने अपना दायित्व सहायक निर्वाची पदाधिकारी पर फेंकते हुए उन पर दोषारोपण कर रहे हैं. स्पष्टीकरण की प्रति सीधे प्रधान सचिव, पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग व कार्मिक विभाग को भेजना उनके अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है एवं निर्धारित सरकारी प्रक्रिया के प्रतिकूल है. इस परिप्रेक्ष्य में श्री सामंता पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. यह भी कहा गया है कि इस सजा से संबंधित संकल्प को झारखंड राजपत्र के असाधारण अंक में भी प्रकाशित किया जाये. उक्त आदेश राज्यपाल के आदेश से सरकार के उपसचिव दिलीप तिर्की ने जारी किया है.
आरोप की सत्यता पर हुई कार्रवाई
शिकायकर्ता की सीडी व जांच पदाधिकारी के प्रतिवेदन में विरोधाभाष है. सीडी के अवलोकन से पता चला कि उक्त महिला के खाली हाथ प्रकोष्ठ में प्रवेश होने के बावजूद निर्वाची पदाधिकारी ने नामांकन पत्र दाखिल करने की सिफारिश की गयी व निर्वाची पदाधिकारी ने स्वयं उनका मोबाइल नं आदान-प्रदान किया गया. उपस्थित मीडिया के विरोध के बाद उन्हें कैमरा बंद करने व कार्यालय छोड़ने का निर्देश दिया गया. इस प्रकार निर्वाची पदाधिकारी ने निर्वाचन प्रक्रिया के उत्तरदायित्व का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया. इस मामले में दोषी पाते हुए निर्वाचन आयोग ने श्री सामंता को चुनाव कार्य से हटा दिया था.