देवघरः मंदिर मोड़ के समीप ए-टू-जेड एजेंसी से सेंट्रल बैंक के फर्जी ड्राफ्ट के माध्यम से 3, 05,600 रुपये के जेनरेटर ठगी करने वाले गिरोह का नेटवर्क झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी सहित कई अन्य राज्यों से जुड़ा है. सूत्रों से पता चलता है कि गढ़वा व पलामू के मशीनरी एजेंसी से 5.30 लाख की ठगी इसी गिरोह द्वारा की गयी है.
वहीं अब तक झारखंड, बिहार, यूपी सहित अन्य राज्यों में इस गिरोह ने 426 ड्राफ्ट के सहारे करीब 63 करोड़ की ठगी की है. देवघर में यह बात तब सामने आया जब गिरोह का एक सदस्य ए-टू-जेड एजेंसी में पहुंचा. मधुपुर का बीडीओ बता कर सेंट्रल बैंक का ड्राफ्ट थमाया और विधाता कंपनी का साढ़े सात केबी का पांच जेनरेटर लेकर गायब हो गया. घटना 12 अक्तूबर की है. ड्राफ्ट में अदाकर्ता शाखा देवघर सेंट्रल बैंक अंकित था. एजेंसी मालिक कैश कराने बैंक की शाखा में पहुंचे तो ड्राफ्ट फर्जी करार दिया गया. इसके बाद 15 अक्तूबर को ए-टू-जेड एजेंसी के मालिक राजेंद्र पांडेय ने नगर थाने में लिखित शिकायत दी है. पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है.
कई जगह की है ठगी
देवघर पुलिस को मामले की छानबीन में पता चला है कि उक्त गिरोह ने गढ़वा, पलामू, जमशेदपुर, धनबाद के अलावे बिहार के पटना, पूर्णिया, कटिहार, हाजीपुर, यूपी के इलाहाबाद, गोरखपुर, पंजाब के लुधियाना सहित चेन्नई के अलावे देश के करीब 200 से अधिक प्रतिष्ठानों में फर्जी ड्राफ्ट के माध्यम से कई करोड़ का चूना लगाया है.
सेंट्रल बैंक का ड्राफ्ट लाता है उपयोग में
पुलिस का कहना है कि सभी जगह सेंट्रल बैंक का ड्राफ्ट ही उपयोग में लाता है. पुलिस के अनुसार वर्ष 2004 में पश्चिम बंगाल के पंचखुरा सेंट्रल बैंक से करीब 650 बैंक ड्राफ्ट लुटे गये थे. उसी बैंक का ड्राफ्ट ठगी में उपयोग किया जा रहा है.
पूर्णिया पुलिस के पास है तसवीर
पूर्णिया में भी इसी गिरोह ने ठगी की है. उक्त प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरा भी लगा था. उक्त कैमरा के फुटेज में गिरोह के एक सदस्य की तसवीर भी कैद है, जो पूर्णिया पुलिस के पास उपलब्ध है. पुलिस का कहना है कि ठगी गिरोह के सदस्य द्वारा दूसरे के नाम से निर्गत कई सिम भी उपयोग में लाया जा रहा है. पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द गिरोह का पर्दाफाश होगा.