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व्यापारी, वाहन मालिक व चालकों पर प्राथमिकी
देवघर : अभाविप, बजरंग दल व विहिप की सूचना पर जब्त छह ट्रक भैंस मामले में देर रात तक हाइ वोल्टेज चलता रहा. मामले में प्राथमिकी के लिये देर रात में नगर थाने में प्रतिवेदन दिया गया. इसके बाद फिर पुन: इन भैंसों को जिम्मेनामा पर रखने के लिये जसीडीह इलाके में भेजा गया. मामले […]
देवघर : अभाविप, बजरंग दल व विहिप की सूचना पर जब्त छह ट्रक भैंस मामले में देर रात तक हाइ वोल्टेज चलता रहा. मामले में प्राथमिकी के लिये देर रात में नगर थाने में प्रतिवेदन दिया गया. इसके बाद फिर पुन: इन भैंसों को जिम्मेनामा पर रखने के लिये जसीडीह इलाके में भेजा गया.
मामले में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गयी. तीनों संगठनों व स्थानीय पुलिस की सूचना पर एसपीसीए (सोसाइटी ऑफ द प्रीवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स) के दुमका-देवघर अंचल प्रभारी एसआइ अजय कुमार दुबे समेत अरुण कुमार चौबे व आलोक द्विवेदी गोशाला पहुंचे थे और कार्रवाई आरंभ की. इन अधिकारियों ने बताया कि मवेशी समेत सभी छह ट्रकों को जब्त कर लिया गया है. पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत सभी व्यापारियों, ट्रक मालिकों व चालकों के खिलाफ प्राथमिकी की प्रक्रिया की जा रही है. कई व्यापारी समेत ट्रक चालक तो भाग गये, 16 लोगों को हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिये गये आरोपितों में व्यापारी व ट्रक चालक भी शामिल हैं. एसपीसीए अधिकारियों के मुताबिक कुल 65 भैंस व 37 बच्चे शामिल हैं.
पानी व दूध के अभाव में सात भैंस के बच्चे मृत पाये गये हैं. एसडीओ सुधीर गुप्ता द्वारा स्थानीय एक पशुपालक को भैंस जिम्मेनामा पर दिये जाने की प्रक्रिया की ही जा रही थी कि मंत्री ने आपत्ति कर दी. इसके बाद जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ एके मोहंती देर रात में थाना पहुंचे और प्राथमिकी की प्रक्रिया करायी गयी. स्थानीय कुछ लोगों में इन दुधारु भैंसों को जिम्मेनामा पर लेने के लिए होड़ मची है. कई लोग इसके लिए राजनीतिज्ञों की पैरवी के जुगाड़ लगाने की जुगत में हैं. बताते चलें कि शुक्रवार रात को नगर पुलिस द्वारा छह ट्रक भैंस जब्त कर गोशाला में रखवाया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक उक्त भैंस बिहार अंतर्गत समस्तीपुर से पश्चिम बंगाल के बारासार ले जाने की जानकारी मिली थी.
पानी व दूध के अभाव में मर गये भैंस के सात बच्चे, कौन होगा जिम्मेवार
शुक्रवार रात से ही जब्त होने के बाद भैंसों व उनके बच्चों को पानी नहीं मिल पाया था. भैंस के बच्चे तो पानी के लिए रात भर से तड़पते रहे. अंत में भैंस के सात बच्चे की मौत भी हो गयी. इसके बाद कार्रवाई में जुटी प्रशासनिक अमलों की नींद खुली और आनन-फानन में पानी टैंकर मंगाया गया. इस संबंध में कार्रवाई में जुटे एसपीसीए अधिकारियों से जब यह पूछा गया कि भैंस के बच्चों की मौत के जिम्मेवार कौन होंगे, तब उन्होंने हल्के में यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि मृत भैंस के बच्चे ट्रक से ही उतारे गये थे. वे पहले से मृत थे.
दिन भर उड़ती रही अफवाह, भैंस लेने के लिए दर्जनों लोग आ गये गोशाला
दिन भर यह अफवाह उड़ती रही कि गोशाला में रखे भैंस की नीलामी हो रही है. वहां आधार कार्ड व पांच हजार रुपये में भैंस दिया जा रहा है. यह खबर पूरे इलाके में फैल गयी. काफी संख्या में पशुपालकों की भीड़ जुट गयी. गोशाला परिसर में दिनभर मेला सा नजारा लगा रहा. स्थिति ऐसी हुई कि लोग खुद से चुन कर भैंसों को अलग खूंटे में बांधने लगे. वहां मौजूद पुलिस की भी सुनने से लोगों ने इनकार कर दिया. कई बार माहौल भी बिगड़ने की स्थिति में आया. इस दौरान पुलिस भी खुद किनारे हो गयी. मामले की सूचना देने के लिए टीओपी दो के हवलदार को नगर थाना जाना पड़ा. इसके बाद सूचना पाकर एसडीओ सुधीर गुप्ता भी पहुंचे. स्थिति नियंत्रित करने में पुलिस व एसपीसीए के पसीने छूट गये.
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