मधुपुर: साउथ-बिहार दुर्ग एक्सप्रेस (डाउन से आरपीएफ के नशा निरोधक दस्ते ने तीन अटैची लिफ्टर को धर दबोचा. बताया जाता है कि दुर्ग एक्सप्रेस में बढ़ती अटैची लिफ्टिंग को ध्यान में रख रेल प्रशासन ने चितरंजन के आरपीएफ निरीक्षक बीके पांडेय, सीआइबी आसनसोल निरीक्षक दीपांकर दे के नेतृत्व में निगरानी के लिए टीम बनायी गयी थी. पिछले तीन दिनों टीम मधुपुर व आसनसोल के बीच विभिन्न ट्रेनों पर नजर रख रही थी.
गुरुवार की रात टीम के अधिकारी अन्य पुलिस कर्मियों के साथ दुर्ग एक्सप्रेस में नजर रखते हुए आसनसोल जा रहे थे. इसी क्रम में विद्यासागर स्टेशन से ट्रेन खुलते ही एक व्यक्ति को दुर्ग एक्सप्रेस के बोगी संख्या एस-टू से संदेहास्पद स्थिति में अटैची उतारते पकड़ा. इस दौरान दो अन्य साथी आ गये व छुड़ा कर भागने का प्रयास करने लगे. जिन्हें भी पकड़ लिया गया. पुलिस टीम ने तीनों अपराधियों को जामताड़ा में उतारा व मधुपुर ले आयी.
तीनों की पहचान बिहार के रोहतास जिला के कुल्हड़िया नवासी आलोक कुमार सिंह, आरा के शीतल मुहल्ला निवासी अरुण कुमार व पटना सदर निवासी मो रशीद के रूप में हुई है. तीनों के पास से एक ट्रॉली बैग, डेल का लैपटॉप का बैग, तीन मोबाइल, लोहे का चेन काटने वाला कटर, एसबीआइ का डेबिट कार्ड, कपड़ा, चांदी का बिछिया, वाहन व रसोई गैस का कागजात आदि बरामद किया गया है. सभी सामान मध्यप्रदेश के रीवा निवासी रेल यात्री मनप्रीत कौर का बताया जाता है. सभी अपराधी एस थ्री बोगी में आरक्षण कराकर चल रहे थे.
इन तीनों के पास से दानापुर से आसनसोल तक का आरक्षण टिकट भी मिला है. पूर्व में कई घटना को अंजाम देने की बात अपराधियों ने स्वीकारी है. इस संबंध में जीआरपी मधुपुर में एक मामला दर्ज किया गया है. मौके पर जीआरपी थाना प्रभारी विजय चौधरी, आरपीएफ इंस्पेक्टर इंचार्ज अरविंद कुमार, डेविक केरो, सीआइबी टीम के सीके गुप्ता, उदय शंकर, ऋषि कुमार आदि भी उपस्थित थे.