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ऑन लाइन हो रिटर्न फाइल करने की सुविधा
देवघर: श्रम नियोजन मंत्रलय, झारखंड सरकार की ओर से फैक्टरी रेगुलेशन 1950 के संदर्भ में सुझाव मांगा गया था. इस परिप्रेक्ष्य में देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने अपर सचिव को भेजे गये पत्र में कुछ जरूरी सुझाव दिये हैं. जिस पर अमल करने से उद्योग धंधे विकसित होंगे. चेंबर ने कहा है कि […]
देवघर: श्रम नियोजन मंत्रलय, झारखंड सरकार की ओर से फैक्टरी रेगुलेशन 1950 के संदर्भ में सुझाव मांगा गया था. इस परिप्रेक्ष्य में देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने अपर सचिव को भेजे गये पत्र में कुछ जरूरी सुझाव दिये हैं. जिस पर अमल करने से उद्योग धंधे विकसित होंगे.
चेंबर ने कहा है कि सरकार ने रोजगार की सीमा बढ़ाने का जो प्रस्ताव दिया है जिसमें 10 से 20 मजदूर(जो फैक्टरी पावर का इस्तेमाल करते हैं) और 20 से 40 मजदूर(जो फैक्टरी पावर का इस्तेमाल नहीं करते) तय किया है. चेंबर प्रस्ताव देती है कि इसे 50 से 100 मजदूर तक सीमा निर्धारित किया जाये. इसमें माइक्रो व स्मॉल इंडस्ट्रीज को ध्यान में रखकर संशोधन किया जाये. यदि चेंबर की ओर फूड प्रोसेसिंग एग्रो बेस्ड और फॉरेस्ट प्रोडक्ट बेस्ड इंडस्ट्रीज का प्रस्ताव दिया जाता है तो 50 से 100 मजदूरों वाले कांसेप्ट को ही अमल में लाया जाये.
चेंबर ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि फैक्टरी के लिए जितनी भी फार्म और रिटर्न संबंधी डिटेल्स जमा किये जाते हैं. सभी को ऑन लाइन कर दिया जाये ताकि फैक्टरी के संचालकों को कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े और इंसपेक्टर राज से मुक्ति मिल सके.
-सेक्शन 106(बी): किसी भी तरह के अपराध के मामले में जो फैक्टरी संचालकों पर फाइन निर्धारित किया जाता है, उस फाइन का निर्धारण न्यायिक और औद्योगिक संघ के परामर्श से हो.
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