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अस्थायी बिजली व्यवस्था पर खर्च कर दिया एक करोड़
श्रावणी मेला में पिछले पांच वर्ष में विद्युत मेंटनेंस के नाम पर फंड का वारा न्यारा – मेले के सफल संचालन के लिए बोर्ड को इस बार भेजा 35 लाख का रिक्यूजिशन – मेला क्षेत्र व कांवरिया पथ में जगह-जगह शिविर खोलने का प्रस्ताव – श्रावणी मेले के पहले मेंटनेंश के नाम पर अंतराल में […]
श्रावणी मेला में पिछले पांच वर्ष में विद्युत मेंटनेंस के नाम पर फंड का वारा न्यारा
– मेले के सफल संचालन के लिए बोर्ड को इस बार भेजा 35 लाख का रिक्यूजिशन
– मेला क्षेत्र व कांवरिया पथ में जगह-जगह शिविर खोलने का प्रस्ताव
– श्रावणी मेले के पहले मेंटनेंश के नाम पर अंतराल में ठप की जाती है बिजली
विजय कुमार
देवघर : श्रावणी मेले के दौरान मेला क्षेत्र व कांवरिया पथ में मेंटनेंश व व्यवस्था के संचालन के लिए विद्युत विभाग ने पिछले पांच वर्षो में एक करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर दिया है. यह खर्च विद्युत तार, उपकरण आदि छोड़ कर है. बावजूद मेला क्षेत्र हो या कांवरिया पथ में स्थायी रूप से विद्युत आपूर्ति का बंदोबस्त नहीं हुआ है. हर वर्ष श्रावणी मेले के पूर्व मेंटनेंश के नाम पर एक माह से ज्यादा वक्त तक बिजली आपूर्ति अंतराल में रह-रह कर ठप की जाती है. ऊपर से खर्चा भी बेहिसाब है.
श्रावणी मेला 2015 में बिजली की आपूर्ति एवं व्यवस्था के सफल संचालन के लिए स्थानीय प्रमंडल द्वारा झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड से 35 लाख रुपये की मांग की गयी है. इसमें कार्यरत कर्मियों के लिए अतिरिक्त ओवर टाइम, मानव दिवस कर्मियों के मानदेय, गाड़ी, तेल, कंट्रोल का संचालन, बैनर पोस्टर आदि शामिल है. पिछले वर्ष में भी बोर्ड से 20 लाख से अधिक का डिमांड बोर्ड से किया गया था. फिर भी एक माह तक मेले के दौरान बिजली की तार चुने की शिकायत बनी रहती है.
इंसूलेटर ब्लास्टर, हल्की बारिश में केबुल पंर आदि की शिकायत बनी रहती है. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले में जुटने वाले कांवरियों व तीर्थयात्रियों की भीड़ का आकलन करते हुए विद्युत विभाग द्वारा स्थायी रूप से व्यवस्था की जाये तो हर वर्ष लाखों रुपये के खर्च अंकुश लगाया जा सकता है.
हर साल खोला जाता है बिजली का तार व ट्रांसफॉर्मर
कांवरिया पथ के करीब चार किलोमीटर क्षेत्र में हर वर्ष श्रावणी मेला के पूर्व बिजली का तार व ट्रांसफॉर्मर लगाया जाता है. मेला खत्म होने के बाद विद्युत विभाग पुन: बिजली की तार व ट्रांसफॉर्मर खोल लेता है. बिजली की तार व ट्रांसफॉर्मर खोलने के पीछे विभाग का तर्क है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण हर साल बिजली की तार व ट्रांसफॉर्मर लगाया और खोला जाता है. विभाग का कहना है कि खोले गये तार व ट्रांसफॉर्मर को हर वर्ष सेंट्रल स्टोर रूम में जमा करा दिया जाता है.
बिजली आपूर्ति की बेहतर व्यवस्था के लिए मेले में स्थायी कर्मियों के अलावा मेंडेज कर्मियों से काम लिया जाता है. पारिश्रमिक भुगतान के अलावा मेला व्यवस्था के लिए बोर्ड से राशि की मांग की गयी है.
– रामजन्म यादव, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति
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