देवघर: विधानसभा की आश्वासन समिति मंगलवार को देवघर पहुंची. समिति के सभापति विधायक लोबिन हेम्ब्रम व सदस्य विधायक बड़ कुंवर गगरई ने देवघर सर्किट हाउस में दस विभागों के अफसरों के साथ बैठक की और विधानसभा के सवाल-जवाब से संबंधित मामलों की वस्तुस्थिति की पड़ताल की. बैठक के बाद सभापति विधायक श्री हेम्ब्रम ने कहा कि विधानसभा के प्रश्नों को विभागीय अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यही कारण है कि कई विभागों में कंप्लायंस नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा पुनासी जलाशय योजना के विस्थापितों के मुआवजा भुगतान के लिए 1.50 (डेढ़) करोड़ रुपये जलसंसाधन विभाग के पास आ गया है. फिर भी भुगतान में देरी हो रही है. उन्होंने निर्देश दिया कि अविलंब मुआवजे का भुगतान कर दें.
इसी तरह पालाजोरी में महिला डॉक्टर रहती ही नहीं है. इस प्रश्न का जवाब और क्या कार्रवाई अब तक हुई, इसका उत्तर देने के लिए सिविल सजर्न बैठक से नदारद थे. समिति ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि सिविल सजर्न की शिकायत चीफ सेक्रेटरी से करेंगे. और समिति के सामने सिविल सजर्न को रांची में पेश होना होगा.
गृह विभाग के एक मामले में जांच के बाद सभापति ने कहा कि पालोजोरी के बगदाहा में 2010 में एक रेप कांड हुआ था. इसका केस नंबर 48/2010 है. इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्न के जवाब में कहा था कि मामले में कार्रवाई भी होगी और पीड़ित को मुआवजा भी मिलेगा. इस रेप कांड की पीड़िता को न्याय और मुआवजा मिला या नहीं, आज तक पता नहीं चल पाया है. इस संबंध में डीएसपी से पूछा गया तो वे कुछ नहीं बता सके . समिति ने उन्हें पूरे दस्तावेज के साथ बुधवार को सर्किट हाउस तलब किया है.
बैठक में अन्य सभी विभागों से संबंधित प्रश्नों व जवाब की समीक्षा समिति ने की. इस दौरान डीडीसी शशिरंजन प्रसाद सिंह, एसडीओ जय ज्योति सामंता सहित दस विभागों के अधिकारी मौजूद थे.