देवघर: बाबा नगरी की जमीन क्यों लोगों को प्यारी लगने लगी. संताल परगना में आखिर देवघर में ही जमीन का इतना बड़ा घोटाला कैसे हुआ. भू-माफिया व अधिकारियों की मिलीभगत से कैसे देवघर की जमीन की प्रकृति को बदला गया. 30 वर्ष पहले देवघर की जमीन का भौतिक स्थिति क्या थी व आज क्या हो गया.
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ इन तमाम सवालों को लिए देवघर की जमीन के घोटाले का रुट काउज(कारण) जानने में लगी है. इन्हीं सवालों के लिए भूमि घोटाला के 826 एकड़ के अलावा के देवघर के कई चर्चित भू-खंडों पर भी सीबीआइ की कागजी व भौतिक पड़ताल चल रही है. इसी क्रम में सीबीआइ ने 1980 के बाद राजस्व शाखा में पदस्थापित पेशकारों के नामों की सूची मांगी व अनुमंडल कार्यालय के फाइल नंबर 228 की तलाश कर रही है.
सूत्रों के अनुसार 1980 से अब तक देवघर में जमीन की खरीद-फरोख्त में क्या-क्या दाव-पेच चला सीबीआइ इसका पता लगा रही है. कल तक जो जमीन ट्रस्ट, आश्रम, गोचर, बांध, जंगल, झाड़ व सरकार की थी, उसका कैसे नेचर बदला गया. किस प्रकार बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं खड़ी हुई, इसमें किन-किन अधिकारियों की कलम चली व किसने अरबों रुपये की संपत्ति अजिर्त की यह सीबीआइ जांच के दायरे में हैं.
30 वर्षो के कारोबार में कई चर्चित जमीन की पड़ताल
1980 के बाद देवघर में जमीन का बड़े पैमाने पर हुए कारोबार में कई चर्चित जमीन के कागजातों व वर्तमान में उसकी भौतिक स्थिति का पड़ताल सीबीआइ की टीम कर रही है.
इसी पड़ताल के क्रम में 52 बीघा व शहीद आश्रम समेत शहर के वैसे इलाकों की जमीन पर भी सीबीआइ नजर घुमा रही है, जहां 30 वर्षो के बाद पूरी तरह जमीन की प्रकृति ही बदल गयी. सीबीआइ ने अपनी पड़ताल की कड़ी में बुधवार को मां ललिता हॉस्पिटल व परित्रण मेडिकल कॉलेज के सीएमडी शिवदत्त शर्मा उर्फ शंभु शर्मा के आवास पर पहुंची थी. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने मां ललिता हॉस्पिटल व परित्रण मेडिकल कॉलेज के संदर्भ पड़ताल की.