चार सौ से अधिक महिलाएं हैं जिन्होंने दहेज प्रताड़ना, छेड़खानी, डायन प्रताड़ना, दलित प्रताड़ना आदि की दर्ज करायी हैं. प्रत्येक दिन के औसत में देखा जाय तो तकरीबन तीन से भी अधिक महिलाएं देवघर जिले में प्रताड़ना का दंश झेल रही हैं. थाना में केस दर्ज नहीं होने के बाद कोर्ट में पीसीआर दाखिल कर न्याय की गुहार लगा रही हैं. समाज जब हाइटेक हो रहा है तो केस करने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. महिलाओं पर अत्याचार थम नहीं रहा है.
पांच माह में 540 परिवाद दाखिल
देवघर: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लोलार्क दुबे की अदालत में करीब 540 परिवाद दर्ज हुए हैं. यह परिवाद विभिन्न थाना क्षेत्रों में घटी घटना के आलोक में दर्ज कराया गया है. जनवरी 2015 से तीन जून 2015 तक के आंकड़े बताते हैं कि हरेक माह 108 पीड़ित न्यायालय पहुंच रहे हैं और फरियाद दर्ज करा रहे […]
देवघर: मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लोलार्क दुबे की अदालत में करीब 540 परिवाद दर्ज हुए हैं. यह परिवाद विभिन्न थाना क्षेत्रों में घटी घटना के आलोक में दर्ज कराया गया है. जनवरी 2015 से तीन जून 2015 तक के आंकड़े बताते हैं कि हरेक माह 108 पीड़ित न्यायालय पहुंच रहे हैं और फरियाद दर्ज करा रहे हैं.
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