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छह माह बाद भी किसानों को नहीं मिली धान की राशि, पेच में फंसी मेहनत की कमाई

देवघर: वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य सरकार ने देवघर जिले में 5,926 किसानों से 365786.25 क्विंटल धान की खरीदारी की थी. इसमें किसानों की कुल भुगतान राशि 49.75 करोड़ रुपये बकाया है. किसानों से यह धान नवंबर से 31 मार्च 2015 तक जिले के 56 पैक्स-लैम्पस में सहकारिता विभाग के आदेश पर खरीदारी हुई थी. […]

देवघर: वित्तीय वर्ष 2014-15 में राज्य सरकार ने देवघर जिले में 5,926 किसानों से 365786.25 क्विंटल धान की खरीदारी की थी. इसमें किसानों की कुल भुगतान राशि 49.75 करोड़ रुपये बकाया है. किसानों से यह धान नवंबर से 31 मार्च 2015 तक जिले के 56 पैक्स-लैम्पस में सहकारिता विभाग के आदेश पर खरीदारी हुई थी. लेकिन छह माह बाद भी भुगतान नहीं होने से किसानों के समक्ष अब आने वाले खरीफ मौसम में धान की खेती की चिंता सताने लगी है.

चूंकि किसानों की सारी पूंजी के साथ-साथ सारी मेहनत की कमाई भी सरकारी पेच में फंस गयी है. किसानों के लिए मुसीबत बन गयी है कि अब खरीफ फसल के लिए बिचड़ा की खरीदारी कैसे करेंगे. 25 मई से रोहन नक्षत्र शुरू हो रहा है. रोहन नक्षत्र में धान का बिचड़ा डालने का समय शुरू हो जायेगा. किसानों को अब कर्ज के सहारे खेती करनी पड़ सकती है.

सहकारिता विभाग ने एक माह डीसी को पत्र भेजकर धान खरीदारी की भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी थी. डीसी ने सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी है. लेकिन एक माह बीतने के बावजूद सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों ने जिला सहकारिता कार्यालय में रिपोर्ट नहीं सौंपी है. यह रिपोर्ट सरकार तक पहुंचने के बाद किसानों के भुगतान की प्रक्रिया होगी. लेकिन किसानों के कार्यो में भी लेट लतीफी अपनायी जा रही है.

जिला परिषद की बैठक में उठा था मुद्दा : जिला परिषद की बैठक में किसानों से धान खरीदारी व समय पर भुगतान का मुद्दा उठा था. बैठक में निर्णय लेकर सरकार को धान का मूल्य भुगतान करने का प्रस्ताव भेजा गया था. जिला परिषद अध्यक्ष किरण कुमारी ने बताया कि दो तीन माह पूर्व किसानों के पक्ष में जिला परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव लेकर सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन सरकार ने किसानों के पक्ष में समय पर ठोस निर्णय नहीं किया है. किसानों को एक सप्ताह के अंदर भुगतान कर दिया जाये तो किसान खरीफ फसल की खेती कर पायेंगे.

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