देवघर: हिंदी विद्यापीठ स्थित तिलोकचंद बाजला सभागार में स्व नरसिंह पंडित का तिरोधान दिवस मनाया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ नागेश्वर शर्मा, सेवानिवृत प्रो रामनंदन सिंह, विशिष्ट अतिथि सह कोषाध्यक्ष रमेश बाजला एवं व्यवस्थापक कृष्णानंद झा ने कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की. . डॉ मोहनानंद मिश्र की अध्यक्षता में […]
देवघर: हिंदी विद्यापीठ स्थित तिलोकचंद बाजला सभागार में स्व नरसिंह पंडित का तिरोधान दिवस मनाया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ नागेश्वर शर्मा, सेवानिवृत प्रो रामनंदन सिंह, विशिष्ट अतिथि सह कोषाध्यक्ष रमेश बाजला एवं व्यवस्थापक कृष्णानंद झा ने कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की.
. डॉ मोहनानंद मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सहित मंचासीन अतिथियों ने स्व नरसिंह पंडित की आदमकद तसवीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये. डॉ नागेश्वर शर्मा ने कहा कि स्व नरसिंह पंडित हमारे आदर्श थे, हैं और रहेंगे. उनके व्यक्तित्व से समाज के लोग प्रेरणा ग्रहण करते हैं.
पंडित जी की तरह जीवन जीना कोई साधारण काम नहीं है. उनके जीवन में झांकने से पता चलता है कि इस प्रकार का जीवन दुर्लभ व्यक्ति ही जी सकता है. पंडित जी न सिर्फ शिक्षक थे बल्कि मृदुभाषी एवं दूसरों की मदद करने वाले व्यक्ति थे. उनके आदर्शो को अपना कर ही हम सभी तिरोधान दिवस की सार्थकता पूरी कर पाएंगें. व्यवस्थापक कृष्णानंद झा ने कहा कि स्व नरसिंह पंडित का व्यक्तित्व एवं कृतित्व समाज के लिए आदर्श बना.
असाधारण व्यक्तित्व के चलते साधारण व्यक्ति समाज में अलग स्थान ग्रहण किया. उनका चरित्र राष्ट्रवादी था. हम सबों को उनके आदर्श को अपनाना होगा तभी समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त कर पाएंगे. विशिष्ट अतिथि रमेश बाजला ने कहा की पंडित जी व्यवहार कुशल व्यक्ति थे. लोगों को संगठित करने में उनमें अद्भुत क्षमता थी. प्रो रामनंदन सिंह ने कहा कि स्व नरसिंह पंडित ऐसे व्यक्तित्व को युगों-युगों तक भुलाया नहीं जा सकता है. कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ मोहनानंद मिश्र ने कहा कि नरसिंह पंडित में त्याग, तपस्या व सादगी जीवन का अभिन्न अंग था. गोवर्धन साहित्य महाविद्यालय देवघर के प्रिंसिपल श्रीकांत झा ने भी अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया. मंच संचालन संजय खवाड़े एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ शंकर मोहन झा ने किया. इस मौके पर एसपी सिंह श्वेताभ, पूरन शंकर फलाहारी, पीएन राय, मुनेंद्र पंडित, कृष्णा पांडेय, राजेंद्र मिश्र, सुशील ठाकुर, प्राचार्य श्रीकांत झा, मनीष कुमार सहित काफी संख्या में विद्यापीठ के छात्र-छात्रएं आदि उपस्थित थे.