देवघर: जिला सूचना भवन में ताप्ती (बदला हुआ नाम) नामक महिला के साथ घटी गैंग रेप की घटना के आरोपित अशोक प्रसाद की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में बेल पिटीशन दाखिल किया गया.
इस काराधीन आरोपित की ओर से दाखिल जमानत आवेदन को बीपी नंबर 532/13 के तौर पर दर्ज कर लिया गया और सुनवाई के लिए 9 मई 2013 की तिथि मकर्रर की गयी. यह जमानत आवेदन महिला नगर थाना कांड संख्या 150/13 में दाखिल किया गया है. जिला जज की अदालत में सरकार की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनी जायेगी.
जवाहर कुमार की ओर से बेल पिटीशन दाखिल नहीं
इस मामले के दूसरे आरोपित जवाहर कुमार की ओर से बुधवार को भी डीजे की अदालत में बेल पिटीशन दाखिल नहीं हो सका. इस आरोपित की ओर से जल्द ही उनके अधिवक्ता बेल पिटीशन दाखिल करेंगे. इसकी तैयारी में जुट गये हैं. शीघ्र ही पिटीशन दाखिल किये जाने की संभावना जतायी गयी है.
विधवा से दुष्कर्म प्रयास मामले में बंध पत्र दिया
नंदन पहाड़ के समीप रहने वाली विधवा बेवीलता (बदला हुआ नाम) के साथ दुष्कर्म प्रयास का मामला महिला नगर थाना कांड संख्या 156/13 में जवाहर कुमार की ओर से बंध पत्र दाखिल किया गया. इस मामले में जवाहर कुमार को छह मई को सीजेएम की अदालत से जमानत मिल गयी थी, लेकिन बंध पत्र दाखिल नहीं किया गया था.
बेल बौंड दाखिल के बाद इस मामले में कारा से मुक्ति का आदेश दिया गया. वैसे जवाहर कुमार दूसरे मामले के मुख्य आरोपित हैं. जिसमें जमानत नहीं मिली है. जिसके चलते जवाहर कुमार कारा से छूट नहीं पायेंगे.
क्या है मामला
नौकरी का झांसा देकर महिला से गैंग रेप करने व ओहदे का भय दिखा कर लंबे समय तक यौन शोषण करते रहने की घटना का खुलासा होने के बाद जिले के दो बड़े पदाधिकारियों के नाम सामने आये. इसमें जिला सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी जवाहर कुमार व जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक प्रसाद के विरुद्ध नगर थाना में कांड संख्या 150/13 दर्ज किया गया. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. सीजेएम कोर्ट में दोनों की जमानत आवेदन अस्वीकृत कर दी गयी. दोनों आरोपितों के विरुद्ध गैंग रेप की धाराएं लगायी गयी हैं. जो गैर जमानती होने के कारण जमानत नहीं दी गयी. इस मामले के एक आरोपित अशोक प्रसाद की ओर से डीजे कोर्ट में जमानत के लिए अरजी दी गयी है. जिस पर 9 मई 2013 को सुनवाई होनी है.
कुमार विनोद अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर
विधवा से दुष्कर्म प्रयास के मामले के मुख्य आरोपित कुमार विनोद अभी भी पुलिस पकड़ से बाहर है. सीजेएम कोर्ट से नन बेलेबुल वारंट सात मई को ही निर्गत हो चुका है. इसके बाद भी पुलिस दबोच नहीं पायी है. वैसे पुलिस ने सक्रियता बढ़ायी है.