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बुनियादी असुविधाएं झेलने को विवश हैं सरसा पंचायत के ग्रामीण

जसीडीह: देवघर प्रखंड के सरसा पंचायत चुनाव हुए पांच साल होने को है. इसके बाद भी इस पंचायत के कई गांवों के ग्रामीणों को बुनियादी असुविधा झेलने के लिए विवश होना पड़ रहा है. इस पंचायत के अधिकतर गांवों में समुचित व पक्की सड़क, नाला, शौचालय, पेयजल, सिंचाई जैसी सुविधा नहीं है. पक्की सड़क के […]

जसीडीह: देवघर प्रखंड के सरसा पंचायत चुनाव हुए पांच साल होने को है. इसके बाद भी इस पंचायत के कई गांवों के ग्रामीणों को बुनियादी असुविधा झेलने के लिए विवश होना पड़ रहा है. इस पंचायत के अधिकतर गांवों में समुचित व पक्की सड़क, नाला, शौचालय, पेयजल, सिंचाई जैसी सुविधा नहीं है. पक्की सड़क के अभाव में ग्रामीणों को गांव से शहर तक आवागमन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विशेष कर वर्षा के दिनों में पैदल व दो पहिया वाहन चलना मुश्किल हो जाता है.

वहीं नाली की सुविधा नहीं होने घरों का पानी जहां-तहां जमा हो गंदगी का रूप ले लिया है. गंदा पानी से लोग दरुगध व मच्छरों के प्रकोप से त्रहिमाम है. पंचायत क्षेत्र के कई गावों के सैकड़ों ग्रामीण इंदिरा आवास, लाल कार्ड, विधवा व वृद्धा पेंशन आदि सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं.

विकास के नाम पर खानापूर्ति
मुखिया चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे बिरेंद्र देव ने कहा कि पांच साल बितने वाला है और विकास के नाम पर पंचायत में खाना-पूर्ति की गयी है. उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर कुछ एक गांव में नरेगा के तहत सिंचाई कुआं व सड़क बनायी गयी. जबकि जरूरतमंद गांव जैसे चरकी पहाड़ी मुख्य पथ से गिधापाथर गांव तक एवं बिशनपुर मुख्य पथ से सलैया टोला तक सड़क नहीं बना. पंचायत क्षेत्र में पूरी तरह पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ और शौचालय नहीं के बराबर बना.
कहते हैं मुखिया
मुखिया पिंटू देव ने कहा कि पांच वर्षो में जो सुविधाएं व संसाधन प्राप्त हुआ उससे पंचायत क्षेत्र का बहुत हद तक विकास किया. उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या को देखते हुए पंचायत क्षेत्र के कुसमाहा, सरसा, दर्दमारा,जाखा आदि गांवों में 14 चापानल मुहैया कराया. जरूरतमंदों को 48 इंदिरा आवास दिये. पीसीसी दो रोड, मुख्य मंत्री सड़क योजना के तहत दो सड़क,बीआरजीएफ से एक पीसीसी,चार श्ॉाक पीट, एक पुलिया,तीन चौपाल, दो नाला,सात सिंचाई कूप,45 शौचालय निर्माण कराया एवं विधवा सहित 217 वृद्धों को पेंशन की सुविधा मुहैया कराया.
कहते हैं लोग
पंचायत के कई गांवों में पेयजल की समस्या आज भी जस की तस है. ग्रामीणों को पेयजल के लिए कुआं पर ही निर्भर रहना पड़ता है. आनंदी यादव.
पांच साल होने को है और आज भी कई जगह सड़क की सुविधा नहीं है. बसबुटिया टोला वासी को आवागमन के लिए सड़क की सुविधा नहीं है. राजेंद्र प्रसाद वर्णवाल.
पंचायत क्षेत्र में जिस हिसाब से ग्रामीणों को सड़क, सिंचाई आदि की सुविधाएं मिलनी चाहिए नहीं मिल पायी. इसके लिए सरकारी तंत्र एवं समय पर संसाधन नहीं मिलना भी बहुत बड़ा फैक्टर है. मनोज देव.
पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई असुविधाएं हैं. जरूरत के हिसाब से सभी को इंदिरा आवास, वृद्धा पेंशन एवं लाल कार्ड जैसी सुविधाएं नहीं मिली.
कमलू तूरी.

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