सीबीआइ जांच के 417 दिन पूरे
देवघर : 826 एकड़ के देवघर भूमि घोटाले में भू–माफिया व अधिकारियों की गठजोड़ से जमीन के दस्तावेजों में की गयी बड़ी उलटफेर को सुलझाने में सीबीआइ को लंबा समय लग रहा है. देवघर भूमि घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू होने में 417 दिन बीच चुका है, बावजूद सीबीआइ हाइकोर्ट में फाइनल रिपोर्ट तक नहीं सौंप पायी है.
जबकि सीबीआइ ने हाइकोर्ट में केवल दो बार स्टेटस रिपोर्ट ही सौंपी है. हालांकि अपनी रिपोर्ट में सीबीआइ ने राज्य सरकार पर अभिलेखागार से जमीन के दस्तावेज जुटाने में सहयोग नहीं करने की बात कही थी. देवघर भूमि घोटाले की जांच 15 जुलाई 2012 से चल रही है.
इस दौरान सीबीआइ अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई के नाम पर आरोपितों के घर एक साथ 54 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद केवल पूछताछ का दौर चलता रहा. सीबीआइ देवघर कैंप कार्यालय व धनबाद कैंप कार्यालय में भी घोटाले के संदर्भ में पूछताछ कर चुकी है. लेकिन सीबीआइ घोटाले में संलिप्त पाये गये आरोपितों पर चाजर्शीट तैयार नहीं कर पायी है. दस्तावेजों की जांच व मिलान का यह सिलसिला लगातार अभी भी जारी है.
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ अपनी अनुसंधान में अभी भी कई आरोपितों की तलाश में है. चूंकि शुरुआती छापेमारी में भी वह आरोपित सीबीआइ के शिकंजे में नहीं आ पाया था. फिलहाल एक हजार करोड़ रुपये से भी अधिक भूमि घोटाले की सीबीआइ जांच पर सबकी निगाहें टिकी हुई है.