जसीडीह: नाकामी का सेहरा जिला प्रशासन अब कमजोर ग्रामीणों के माथे बांधना चाह रही है. ऐसे में ग्रामीण अपने घर-वार छोड़ने को मजबूर हो गये हैं. उक्त बातें सीपीआइ(एमएल) देवघर जिला सचिव गीता मंडल ने सोमवार को रोहिणी में पार्टी द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जसीडीह थाना क्षेत्र के कुमड़ाबाद रोहिणी सहित आस-पास क्षेत्रों के दर्जनों गांव में विगत दो माह से फैली उग्रवादी गतिविधि अफवाह एवं कथित लाल बोलेरो के आतंक ने लोगों को जीना हराम कर रखा था.
उस समय पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों की सुरक्षा की जिम्मेवारी उनके हाथों ही सौंप दी और पहरा देने का निर्देश दिया. जब ग्रामीण अपने पर हो रहे हमले व उग्रवादी हमले की अफवाह का अंत किया तो अब पुलिसिया आतंक शुरू हो गया है. धरना-प्रदर्शन के दौरान सचिव गीता मंडल ने राज्यपाल के नाम प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी दयानंद दूबे को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा. पत्र के माध्यम से पार्टी ने मांग ने रखा कि कृत्रिम ढंग से बनाये गये खौफ एवं पुलिसिया आतंक से जनता को मुक्त कराया जाय.
कथित लाल बोलेरो के आतंक का अंत मामले में जांच के नाम पर निदरेष ग्रामीणों पर पुलिसिया दमन बंद किया जाये. अपराधियों व पुलिसिया आतंक के कारण ग्रामीण युवाओं के पलायन पर रोक लगायी जाये. ग्रामीणों के जान-माल की सुरक्षा कर शांति का माहौल बनाया जाये, विगत दो माह से क्षेत्र में हो रहे आपराधिक घटनाओं के जिम्मेवार कौन है, इसकी जांच कर पुष्टि की जाये. इस दौरान पार्टी के बैनर तले कार्यकर्ताओं सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने रोहिणी सहित आस-पास क्षेत्रों में जुलूस निकाल कर विरोध जताया.