उन्होंने स्वास्थ्य उप केंद्रों में गर्भवती माताओं की रक्षा के लिए सरकार के गाइड लाइन का समुचित पालन करने की बात कही. इसके लिए स्वास्थ्य उपकेंद्रों में सुविधा बढ़ायी जाय ताकि इमरजेंसी की स्थिति में आधा घंटा के अंदर किसी भी गर्भवती माता की फौरन डिलीवरी करायी जा सके. इस दिशा में सरकार का प्रयास है कि राज्य के कुल 3958 स्वास्थ्य केंद्रों में से एक तिहाई केंद्र को डिलीवरी प्वाइंट बनायी जा सके.
जिले के एफआरयू (फस्र्ट रेफरल यूनिट) को कारगर बनाते हुए डिलीवरी की व्यवस्था के साथ भोजन, दवा तथा केंद्र में साल भर के बच्चों के लिए केंद्र में भोजन की व्यवस्था हो. साथ ही उन केंद्रों में ब्लड स्टोरेज यूनिट बनायें ताकि खून की कमी से निबटने का वहीं इंतजाम हो.