हिंदू शब्द से जुड़ा जीवन तथा पूजा-पद्धति, आचार-विचार आदि को शास्त्रों में सनातन धर्म कहा गया है जिसका तात्पर्य ‘आदि अंतहीन’ होता है. हिंदु अन्य धर्मों की तरह किसी खास विश्वास के अनुयायी नहीं होते. व्यक्तिगत तथा सामुदायिक स्तर पर उनका आध्यात्मिक जीवन तथा आचार-विचार सनातन धर्म की धारणा पर आधारित हैं. इसका तात्पर्य यह है कि ईश्वर-साक्षात्कार का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निश्चित कर्तव्यों तथा विशिष्ट जीवन पद्धति को अपनाना आवश्यक है. यदि कोई व्यक्ति आंतरिक जीवन के नियमों तथा अनुशासन का पालन करता है तो वह हिंदू कहलाता है. जो अपने रास्ते से भटक कर धर्म का पालन नहीं करता, वह सच्चा हिंदू कहलाने का अधिकारी नहीं है. व्यापक अर्थ में प्रत्येक स्त्री-पुरुष जो सत्य के मार्ग पर चलते हैं, अपने इष्ट के प्रति समर्पित रहते हैं, हिंदू कहलाने के अधिकारी हैं.
प्रवचन::: हिंदू शब्द से जुड़ा जीवन व पूजा पद्धति
हिंदू शब्द से जुड़ा जीवन तथा पूजा-पद्धति, आचार-विचार आदि को शास्त्रों में सनातन धर्म कहा गया है जिसका तात्पर्य ‘आदि अंतहीन’ होता है. हिंदु अन्य धर्मों की तरह किसी खास विश्वास के अनुयायी नहीं होते. व्यक्तिगत तथा सामुदायिक स्तर पर उनका आध्यात्मिक जीवन तथा आचार-विचार सनातन धर्म की धारणा पर आधारित हैं. इसका तात्पर्य यह […]
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