देवघर: मोहनपुर प्रखंड सभागार में प्रखंडस्तरीय जनसुनवाई सह जन संवाद का आयोजन किया गया. इसमें डीसी अमीत कुमार, डीडीसी संजय कुमार सिंह समेत सोशल ऑडिट टीम के सदस्य सह चेतना विकास की निदेशक रानी कुमारी व मनरेगा पदाधिकारी विशंभर पटेल थे.
इस दौरान पिछले दिनों राज्य सामाजिक अंकेक्षण दल द्वारा प्रखंड के पांच पंचायत तुम्बावेल, मोरने, झारखंडी, मलहारा व रढ़िया में की गयी सोशल ऑडिट में मिली गड़बड़ियों पर जनसुवाई हुई. इस दौरान अलग-अलग पंचायतों में कई तरह गड़बड़ियाों की रिपोर्ट जनसुवाई में रखी गयी. रिपोर्ट के अनुसार से रढ़िया गांव में मजदूर टीपन यादव, गंगाधर यादव, चीगड़ यादव व उदेश्वर यादव द्वारा सोशल ऑडिट टीम को बताया गया था कि रढ़िया पोस्ट ऑफिस में छह दिनों की मजदूरी का भुगतान राशि 9,486 रुपया में 24 रुपये काट लिया गया. पिपरा के भी मजदूरों ने कहा था कि पोस्ट ऑफिस में मजदूरी कम दिया जाता है. मोरने में घोरमारा व मोरने पोस्ट ऑफिस में मजदूरों का पैसा काट लिये जाने का मामला आया. इस पर डीसी ने जनसुनवाई में मौजूद पोस्ट ऑफिस के ओवरसीयर सुरेंद्र यादव को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि मजदूरों के हक का पैसा काटने वाले पोस्ट मास्टर पर प्राथमिकी दर्ज होगी, अन्यथा मजदूरों का पैसा लौटा दिया जाये.
तुम्बावेल में मिली अधिक गड़बड़ी
जनसुनवाई के दौरान तुम्बावेल पंचायत में सर्वाधिक गड़बड़ियां सामने आयी. तुम्बावेल के सिरसानुनथर गांव के ललन कुमार सिंह ने मनरेगा के सिसंचाई कूप निर्माण अपना 51 हजार रुपये खर्च कर दिये. इसके एवज में ललन को मात्र 7200 रुपया मिला. शेष मजदूरी नहीं मिलने से परेशान होकर ललन उत्तर प्रदेश काम की तलाश में पलायन कर गया. हालांकि मुखिया उषा देवी ने मौके पर बचाव करते हुए कहा कि मजदूरी का भुगतान 19,600 रुपया भुगतान हो चुका है. नवाडीह बैजनाथपुर गांव में नागेश्वर गोस्वामी के सिंचाई कूप में मजदूरों का भुगतान नहीं होने से काम बाधित हो गया व कुआं धंसकर तालाब बन गया. तुम्बावेल में धनंजय कुमार के कुएं की खुदाई व जोड़ाई पूरा गया. लेकिन भुगतान बांकी है. जरिया गांव में धनेश्वर यादव ने मनरेगा में मजदूरी किया लेकिन जॉब कार्ड में इंट्री नहीं किया. मलहारा में भी जॉब कार्ड में मजदूरों की इंट्री नहीं होने की बात सामने आयी. झारखंडी में कई जगह मस्टर रौल में मजदूर का टीप-निशान नहीं पाया गया, लेकिन भुगतान कर दिया गया. मोरने में जेइ खुदाई के अनुसार विपत्र नहीं बनाते हैं. पूरे मामले में डीसी ने कहा कि इन गड़बड़ियों की जांच टीम गठन कर कराया जायेगा. इसमें बीडीओ को जांच से मुक्त रखा जायेगा. जिला स्तर के अधिकारी डीआरडीए डायरेक्टर जांच करेंगे. गलतियों में जो भी जिम्मेवार होंगे उन पर मनरेगा एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई होगी. जरुरत पड़ी तो प्राथमिकी भी दर्ज होगी. इस दौरान बीडीओ शैलेंद्र रजक, बीपीओ वंदना मिश्र व मुखिया आदि थे.