सौ करोड़ लाभ से वंचित रहा प्रबंधन चितरा. कोलियरी प्रबंधन लक्ष्य से कम उत्पादन को लेकर यूनियन प्रतिनिधियों ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है. यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि कोलियरी अगर 25 लाख के निर्धारित उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर लेती तो 350 करोड़ रुपए मुनाफा अर्जित करती. लेकिन कोलियरी प्रबंधन वित्त वर्ष 2014-15 में मात्र 17.30 लाख टन कोयला ही उत्पादन कर पाई. जिससे कोलियरी को सौ करोड़ मुनाफा से वंचित रहना पड़ा. एटक नेता पशुपति कोल ने कहा कि कोलियरी प्रबंधन द्वारा इसके लिए जमीन अधिग्रहण में होने वाली समस्या बतायी. लेकिन वास्तविकता है कि कोलियरी द्वारा इसके लिए सार्थक प्रयास नहीं किये गये. प्रबंधन की उदासीनता के कारण तुलसीडाबर के राजीव मरांडी, मोनू मरांडी, लोबोनी मरांडी व भवानीपुर के सुगदेव बैठा के पुत्र को नौकरी नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में कोई जमीन मालिक प्रबंधन को कैसे जमीन निकालने के लिए कोयला निकालने देंगे.
लक्ष्य से कम उत्पादन को लेकर उठने लगे सवाल
सौ करोड़ लाभ से वंचित रहा प्रबंधन चितरा. कोलियरी प्रबंधन लक्ष्य से कम उत्पादन को लेकर यूनियन प्रतिनिधियों ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है. यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि कोलियरी अगर 25 लाख के निर्धारित उत्पादन लक्ष्य को हासिल कर लेती तो 350 करोड़ रुपए मुनाफा अर्जित करती. लेकिन कोलियरी प्रबंधन वित्त […]
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