चितरा: कोलियरी प्रक्षेत्र के विस्थापित व अन्य गांवों में पेयजल की समस्या पूर्ववत बनी हुई है. गरमी की शुरुआत होते ही गांव के तालाब व कुआं सूखने लगे हैं.
विस्थापितों के समक्ष पेयजल की समस्या पांव पसारे हुए है. चितरा कोलियरी प्रक्षेत्र के चितरा, भवानीपुर, तुलसीडाबर, खून, जमुआ, ताराबाद, जरूवाडीह, सहरजोरी समेत दर्जनों गांवों में पेयजल की समस्या बनी हुई है. एक तरफ कोलियरी प्रबंधन विस्थापित गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने की दावा करती है लेकिन हालात यह है कि अब भी पेयजल संकट बरकरार है. जमुआ, ताराबाद के बलदेव महतो, नरसिंह महतो, सरोज महतो, संजीत महतो, मुन्ना महतो समेत अन्य ने कहा कि कोलियरी प्रबंधन व राज्य सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर चितरा के भवानीपुर गांव के सुकुमार मंडल, पंकज राय, दयानंद राय, जयराम रजक, प्रकाश रजक, सुजीत रजक आदि ने कहा कि 1992 से कोलियरी प्रबंधन के द्वारा भवानीपुर गांव को विस्थापित घोषित कर दिया गया है. उसके बाद से न तो कोलियरी द्वारा पेयजल की व्यवस्था कर रही है व न तो राज्य सरकार द्वारा. उन्होंने यह भी कहा कि कोलियरी प्रबंधन भवानीपुर गांव के लोगों से सौतेला व्यवहार करती है.
कहते हैं एरिया इंजीनियर
एरिया इंजीनियर गिरिजेश कुमार कहा कि जिन जिन गांवों में बोर होल कराया गया है. उन गांवों में अप्रैल माह से पाईप लाईन के द्वारा पेयजलापूर्ति की जायेगी.
कहते हैं महाप्रबंधक
महाप्रबंधक युनूस अंसारी ने पेयजल की समस्या पर कहा कि पेयजल की समस्या को लेकर कोलियरी प्रबंधन गंभीर है. पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रबंधन बोर होल करा रही है. जल्द ही प्रभावित गांवों में पेयजल उपलब्ध करा दिया जायेगा.