24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रिखियापीठ में रामकथा का पांचवां दिन

अमरनाथ में रिखिया के नाम से संवाददाता, रिखियापीठचैत्र नवरात्रि अनुष्ठान पर रिखियापीठ में आयोजित रामकथा के पांचवें दिन भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने भगवान राम व भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि एक सच्चे भक्त का धन भगवान का चरण होता है. भक्त को पद का उपासक नहीं, बल्कि भगवान […]

अमरनाथ में रिखिया के नाम से संवाददाता, रिखियापीठचैत्र नवरात्रि अनुष्ठान पर रिखियापीठ में आयोजित रामकथा के पांचवें दिन भागलपुर की प्रसिद्ध मानस कोकिला कृष्णा देवी ने भगवान राम व भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया. उन्होंने कहा कि एक सच्चे भक्त का धन भगवान का चरण होता है. भक्त को पद का उपासक नहीं, बल्कि भगवान के पादुका का उपवासक होना चाहिए. भक्त को भगवान की भक्ति में कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए. भक्त का ध्यान केवल भगवान के चरण में केंद्रित रहना चाहिए. भरत जी पद के उपासक नहीं थे, उनमें तो केवल भगवान राम के चरण पाने की ललक थी. भगवान का चरण पाने के लिए भी वे स्वयं का योग्य नहीं समझ रहे थे. माता कौशल्या भी रामजी के पादुका के उपासक थे. वनवास के क्रम में माता कौशल्या अपने कक्ष में भगवान राम के छोटी-छोटी जुतियां सुरक्षित रख 14 वर्षों तक रोज निहारते थे. भगवान अपने भक्तों की भावना समझाते हैं. वनवास में भरत मिलाप में भगवान राम ने भरतजी को गले से लगा लिया. इसलिए भक्त भगवान के चरण को पाने की इच्छा रखें तो भगवान उन्हें अपने हृदय से लगा लेते हैं. जिन भक्तों को भगवान पर भरोसा होता है, वही विजयी होते हैं. इस अवसर पर स्वामी सत्संगीजी भी उपस्थित थीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें