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श्रम विभाग निजी आवास व अपार्टमेंट से वसूलेगा 1} उपकर!

देवघर: देवघर नगर निगम सहित सूबे के विभिन्न जिले में निजी भवन एवं अपार्टमेंट निर्माण पर झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड एक परसेंट का उप कर (सबटैक्स) वसूलेगा. विभाग के नये फरमान से लोगों की मुश्किलें तो बढ़ ही गयी है. साथ ही देवघर नगर निगम की आय पर भी संकट मंडराने […]

देवघर: देवघर नगर निगम सहित सूबे के विभिन्न जिले में निजी भवन एवं अपार्टमेंट निर्माण पर झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड एक परसेंट का उप कर (सबटैक्स) वसूलेगा. विभाग के नये फरमान से लोगों की मुश्किलें तो बढ़ ही गयी है. साथ ही देवघर नगर निगम की आय पर भी संकट मंडराने लगा है. देवघर नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने नगर विकास विभाग झारखंड के प्रधान सचिव से सब टैक्स के बारे में स्पष्ट निर्देश मांगा है. लेकिन, पत्रचार के एक माह बाद भी विभाग द्वारा कोई जवाब नहीं मिला है. विभागीय पत्र में कुल लागत का एक फीसदी अतिरिक्त सब टैक्स झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के खाते में जायेगा. सरकारी विभाग के इस फैसले से हजारों-लाखों जनता पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा. आवास का सपना अब लोगों के लिए सपना ही रह जायेगा.

बोर्ड में लिया गया था प्रस्ताव
झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की अध्यक्षता में जुलाई 2012 में उप कर निर्धारण समिति की बैठक हुई थी. विचारोपरांत सर्वसम्मति से निजी भवनों व अपार्टमेंट के निर्माण लागत के रूप में न्यूनतम लागत का 800 रुपये प्रति स्क्वायर फीट करने का निर्णय लिया गया था. विभाग के तत्कालीन सचिव ने सूबे के विभिन्न जिले को पत्र भेजा था. पत्र में कहा गया है कि नक्शा पास करने के लिए सक्षम नगर निकायों, स्थानीय निकायों के द्वारा संग्रहित किये जाने वाले सब टैक्स (उप कर) की दर एक रूपता लाने तथा विचारोपरांत निजी भवनों एवं अपार्टमेंट के निर्माण लागत के रूप में न्यूनतम लागत निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है.

जिला की तुलना राजधानी से किया
संताल परगना, झारखंड का पिछड़ा प्रमंडल है. राजधानी रांची की तर्ज पर संताल परगना में आम लोगों का आय का स्नेत नहीं है. संताल परगना के विभिन्न जिले में जमीनों की कीमत एवं लोगों की आय भी काफी भिन्न है. झारखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने सूबे के अन्य जिलों की तुलना राजधानी रांची से की है. अगस्त 2012 में विभाग के तत्कालीन श्रमायुक्त सह अध्यक्ष ने सक्षम नगर निकायों, स्थानीय निकायों में संग्रहित करने वाले उप कर की दर में एक रूपता बरकरार रहे.

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