मधुपुर : करौं प्रखंड अंतर्गत बारा पंचायत का बहादुरपुर गांव बीड़ी मजदूरी के लिए जाना जाता था. यहां की लगभग 80 प्रतिशत आबादी का मुख्य पेशा बीड़ी बनाना था. गांव का हर सदस्य पुरुष, महिला या बच्चा अहले सुबह उठकर बीड़ी पत्ते से अपने दिन की शुरुआत करते थे.
लेकिन पिछले वर्षो से यहां पर बीड़ी बनाने के मजदुरों की संख्या लगातार कम होती चली गयी. इसका मुख्य कारण लोगों का खेती-बाड़ी पर झुकाव का होना बताया जाता है. बहादुरपुर में महज एक साल के अंदर मनरेगा योजना से कुल 40 कूप का निर्माण हुआ है. इससे किसानों को सिंचाई की सुविधा मिली और जहां सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर रह जाती थी आज वहां गेहूं, आलू, प्याज, सरसो, मूली, गोभी, टमाटर की फसल लहलहा रही है. इतना ही नहीं किसान अपनी फसल से मालामाल हो रहे हैं. बीड़ी मजदूरी अब कोई नहीं कर रहा सभी लोग खेती को अपना व्यवसाय बना रहे हैं.