देवघर: पंजाब के होशियारपुर जिला अंतर्गत माहिलपुर स्थित बैंक में कार्यरत देवघर के युवक सुजीत वरण हालदार (30) ने बीते रविवार (15 फरवरी) को आत्महत्या कर ली. वह सिंध एंड पंजाब बैंक के माहिलपुर शाखा में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे. इस संदर्भ में पूरनदाहा के लालकोठी स्थित पैतृक आवास में सुजीत की […]
देवघर: पंजाब के होशियारपुर जिला अंतर्गत माहिलपुर स्थित बैंक में कार्यरत देवघर के युवक सुजीत वरण हालदार (30) ने बीते रविवार (15 फरवरी) को आत्महत्या कर ली. वह सिंध एंड पंजाब बैंक के माहिलपुर शाखा में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे. इस संदर्भ में पूरनदाहा के लालकोठी स्थित पैतृक आवास में सुजीत की पत्नी तापसी हालदार व परिजनों ने बैंक के वरीय पदाधिकारियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
पत्नी ने कहा बैंक में वह एकमात्र झारखंड निवासी थे. बंगाली समाज से ताल्लुक रखने व काफी कम समय में शाखा प्रबंधक के रूप में प्रोन्नति मिल जाने से दूसरे अन्य बैंक कर्मी इष्र्या करते थे. इसी क्रम में जब उनकी पोस्टिंग शाखा प्रबंधक के रूप में माहिलपुर शाखा में हुई तो पहले से बैंक में कार्यरत पंजाब व हरियाणा के लोगों ने इष्र्यावश परेशान करना शुरू कर दिया. इससे पूर्व वह चंडीगढ़ स्थित बैंक शाखा में पदाधिकारी के रूप में वर्ष 2010 से काम शुरू किये थे. उनके काम करने के तरीके को देख कर प्रबंधन ने वर्ष 2014 में होशियापुर के माहिलपुर शाखा में शाखा प्रबंधक के रूप में पदास्थापित कर दिया.
प्रमोशन के बाद जब वे चंडीगढ़ से माहिलपुर पहुंचे थे. तो वहां ज्वाइनिंग के बाद विभागीय बिल जमा करना था. बिल में तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए जोनल ऑफिस के पदाधिकारी व शाखा के अन्य पदाधिकारी उन्हें लगातार प्रताड़ित करना शुरू कर दिये. रात-दिन परेशान किये जाने से वो दुखी हो गये थे. कई बार वरीय पदाधिकारी सुबह तो सुबह रात में भी फोन पर डांटते रहते थे. इस बात से तंग आकर उन्होंने 15 फरवरी को साहिबजादा अजित सिंह नगर के टंडा रोड स्थित किराये के मकान के बाथरूम में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.
परिजनों ने जोनल ऑफिस से किया था संपर्क : समस्या के निदान के लिए सुजीत के परिजनों ने 26 जनवरी को जालंधर स्थित बैंक के जोनल ऑफिस में संपर्क किया था. जोनल ऑफिस के पदाधिकारियों ने समस्या सुलझाने का आश्वासन भी दिया था. इससे पूर्व नवंबर 2014 में उन्हें प्रबंधन की ओर से नोटिस भी दिया गया था.
तीन फरवरी का बना था टिकट : घर वापसी व शादी की पहली सालगिरह मनाने को लेकर सुजीत ने तीन फरवरी-2015 का टिकट भी बनवाया था. मगर बैंक प्रबंधन की ओर से दबाव बनाये जाने के कारण टिकट कैंसिल करवा ली थी. इसके बाद से पूरी तरह से डिप्रेशन के शिकार हो गये थे. घटना से एक दिन पहले शनिवार को प्रताड़ना से बचने के लिए बैंक भी नहीं गये थे. रविवार को सुबह तक सबकुछ ठीक था. मगर दोपहर के बाद से नहीं मिल रहे थे. शाम पांच बजे पड़ोसियों की मदद से मकान के नीचे बाथरूम में उनकी लाश मिली. 23 फरवरी को देवघर में घरवाले उनका जन्म दिन मनाने वाले थे.
क्या कहते हैं माता-पिता
बैंक के वरीय पदाधिकारियों ने बेटे को मानसिक प्रताड़ना दी. इस कारण यह घटना घटी. हमारा पंजाब पुलिस व बैंक प्रबंधन से गुजारिश है कि वो इस मामले की जांच करे. ताकि भविष्य में बैंक के पदाधिकारी की वजह से किसी को इतना बड़ा कदम न उठाना पड़े.
-लसिथ वरण हालदार, पिता(सहायक प्रिंसिपल,तपोवन हाइस्कूल, सत्संग नगर)
बैंक के वरीय पदाधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए. जोनल ऑफिस के वरीय पदाधिकारियों ने साजिश कर मेरे इकलौते बेटे की जान ले ली. घटना से दो-तीन दिन पहले सुजीत ने फोन कर उसे बताया था कि बड़े पदाधिकारी उसे बहुत तंग कर रहे हैं. अब मुझसे सहा नहीं जा रहा है. मां अगर मुझसे गलती हो जाय तो मुङो माफ करना. इसके बाद यह घटना घट गयी.
-अंजुला हालदार, सुजीत की मां