देवघर: गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बहुत पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री शशि थरूर, पल्लम राजू, व जीतीन प्रसाद को संताल परगना में शिक्षा के स्तर के बारे में अवगत करा कर यहां एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की थी, लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि संताल परगना में केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं दे सकते हैं और न ही एसकेएमयू को केंद्रीय विद्यालय में कनवर्ट ही कर सकते हैं. दुमका में हाई कोर्ट के बेंच के लिए आज तक केंद्र को प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया है.
ऐसे में अब केंद्रीय मंत्री इस पर सहमति जता कर राज्य व संताल परगना की जनता को गुमराह कर रही है. सांसद ने कहा कि कांग्रेस, झामुमो व राजद गरीबों की भावना से न खेले. जो बोलते हैं उसे करने की क्षमता रखें. नेशनल एक्रीडिएशन बिल पास होने से संप को नुकसान सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार नेशनल एक्रीडिएशन बिल पास करवाना चाह रही है, लेकिन उन्होंने इसका सदन में इस बिल का पुरजोर विरोध किया है. सांसद ने कहा कि जिस राज्य का बजट 16 हजार करोड़ रुपये है, उसकी आधी राशि शिक्षक, प्रोफेसर के वेतन में चली जाती है. वहां इस बिल के पास हो जाने से कॉलेजों की ग्रेडिंग हो जायेगी और संताल परगना व झारखंड को नुकसान होगा. क्योंकि दिल्ली विवि की तुलना एसकेएमयू से नहीं की जा सकती.
सीएमपी को प्रैक्टिल बनायें
जो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) सरकार ने पेश किया है. वह थ्योरिटिकल है. इसे प्रैक्टिकल में लाना चाहिए. इसमें नया कुछ भी नहीं है. डबल मर्डर केस को सीबीआइ ने टेकओवर नहीं किया सांसद ने कहा कि केंद्र व राज्य में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन अब तक जसीडीह डबल मर्डर केस को सीबीआइ ने टेकओवर नहीं किया है. इसलिए सरकार की कथनी-करनी में अंतर है. मौके पर जिलाध्यक्ष नवल किशोर राय, नारायण दास, राकेश रंजन बुलबुल, संतोष उपाध्याय, मुकेश पाठक, देवता पांडेय आदि मौजूद थे.