देवघरः 826 एकड़ देवघर भूमि घोटाले में कई ओहदे पर बैठे साहबों ने जमीन कारोबार में निवेश किया है. 20 गुणा कमाई देनेवाले देवघर की जमीन पर साहबों ने पैसा तो लगाया, लेकिन अब इसकी सीबीआइ जांच होने से ऐसे अधिकारी अपने–आप को अंडर ग्राउंड कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ को एक इंजीनियर की तलाश है.
यह इंजीनियर ने मोहनपुर अंचल के गौरा मौजा में दो लाख स्क्वायर फीट (4.5 एकड़) जमीन में निवेश किया है. इंजीनियर साहब की यह जमीन सीबीआइ जांच के दायरे में है. यह इंजीनियर पटना के रहनेवाले हैं और गौरा मौजा में बिजनेस के उद्देश्य से उन्होंने एलए की जमीन पर पैसा लगाया. जमीन की घेराबंदी तक कर लिया गया है, लेकिन सीबीआइ जांच की भनक लगते ही इंजीनियर साहब अंडर ग्राउंड हो गये.
सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ अधिकारियों ने इंजीनियर की तलाश गौरा के आसपास मुहल्ले में करवायी. उसी दौरान उनकी पहचान पटना निवासी के रुप में हुई है. सीबीआइ अब इंजीनियर को नोटिस जारी करेगी व उनकी खोज में पटना भी जायेगी. देवघर भूमि घोटाले में गौरा मौजा में लगभग 150 एकड़ जमीन सीबीआइ जांच के दायरे में हैं.
बढ़ सकता है एलए जमीन के जांच का दायरा : देवघर भूमि घोटाले में एलए जमीन अधिकांश शामिल है. सूत्रों के अनुसार देवघर भूमि घोटाले में एलए जमीनवाले अन्य मौजा को भी सीबीआइ जांच कर रही है, जहां भारी संख्या एलए जमीन का एनओसी जारी किया गया है. सीबीआइ अंचल कार्यालय से एलए मौजावाली सूची भी मांगी है.
सूत्रों के अनुसार इसमें कुंडा, बाघमारी, कटिया, सुंदरी, भितिया, ठाढ़ीदुलमपुर, बंधा व रामपुर मौजा है, जहां एलए की जमीन का जम कर कारोबार हुआ. बताया जाता है कि अपने जांच के क्रम में सीबीआइ इस क्षेत्र में काम करनेवाले जमीन कारोबारियों से भी पूछताछ कर चुकी है. इसमें एक मिथिला वहार (बैद्यनाथ कॉलोनी) के रहनेवाले जमीन कारोबारी भी है. सूत्रों के अनुसार इन मौजा की जमीन की जांच के बाद देवघर भूमि घोटाले में 826 एकड़ जमीन के अलावा संख्या और बढ़ सकती है.