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राष्ट्रीय जलापूर्ति कार्यक्रम : आज भी कई गांवों के लोग जोरिया का पीते हैं पानी, चापानल रहता है खराब
देवघर : राष्ट्रीय जलापूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत लघु जलापूर्ति योजना के माध्यम से गांवों में घर-घर पाइप के जरिये पानी पहुंचाने की योजना देवघर अनुमंडल क्षेत्र में फ्लॉप हो गयी है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से देवघर प्रमंडल के अंतर्गत सारवां, मोहनपुर व देवघर प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2011-12 में लघु सिंचाई जलापूर्ति योजना के […]
देवघर : राष्ट्रीय जलापूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत लघु जलापूर्ति योजना के माध्यम से गांवों में घर-घर पाइप के जरिये पानी पहुंचाने की योजना देवघर अनुमंडल क्षेत्र में फ्लॉप हो गयी है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से देवघर प्रमंडल के अंतर्गत सारवां, मोहनपुर व देवघर प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2011-12 में लघु सिंचाई जलापूर्ति योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाने के लिए योजनाएं स्वीकृत हुई.
इसके लिए चुल्हिया, खगड़ा, लखोरिया, बनियाडीह व खिजुरिया गांव में करीब लगभग 55 लाख की लागत से अलग-अलग काम शुरू हुआ. प्रत्येक गांव में 10 से 12 लाख रुपये की लागत से टेंडर कर काम चालू हुआ, लेकिन आज तीन वर्ष बाद भी लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा. इस योजना में जलमीनार, बोरिंग व पंपसेट व पाइप बिछाने का कार्य होना है. विभागीय जानकारी के अनुसार योजना मद में भुगतान भी किया जा चुका है.
तीन वर्षो में इन पांच गांवों में जलमीनार, बोरिंग व पंपसेट का काम तो पूरा हुआ, जबकि कुछ गांव में पाइप पूरी तरह नहीं बिछाया गया. इससे पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पायी.
ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को संचालन का जिम्मा
लघु जलापूर्ति योजना के तहत बोरिंग व पंपसेट से जलमीनार में पानी पहुंचाना है. उसके बाद पाइप के जरिये गांव में प्रत्येक घर को पानी का कनेक्शन देना है. विभाग द्वारा योजना की शुरुआत के बाद ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को हेंडओवर कर देना है. ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के पदेन अध्यक्ष मुखिया व सचिव जलसहिया हैं.
समिति प्रत्येक घर को पानी का कनेक्शन देने के ग्राम सभा में दर तय करेगी. उसके बाद इच्छुक ग्रामीण पेयजलापूर्ति के उपभोक्ता बनेंगे. प्रत्येक माह पानी आपूर्ति में मिलने वाली किराये की राशि से मुखिया व जलसहिया योजना का मेंटेनेंस करेंगे.
बिजली कनेक्शन तक नहीं
इस जलापूर्ति योजना को चालू करने के लिए बिजली कनेक्शन तक कई गांव में नहीं किया गया है. बावजूद विभाग ने योजना का पूरा भुगतान कर दिया है. जलापूर्ति योजना के विद्युतीकरण में पांच से छह लाख रुपये खर्च का प्राक्कलन विद्युत विभाग ने पीएचइडी को सौंपा. विभाग के पास विद्युतीकरण मद में पर्याप्त राशि नहीं होने पर खगड़ा व खिजुरिया सहित कई में बिजली कनेक्शन नहीं लगा.
खगड़ा गांव के इस अधूरी योजना को चालू करने का मुद्दा जिप की बैठक में भी उठा चुके हैं, ताकि ग्रामीणों को शुद्ध पीने का पानी मिल पाये. लेकिन विभाग इसमें विफल रही. संवेदक ने गांव पक्की सड़क भी उखाड़ दिया. इससे ग्रामीणों को दिक्कत हो रही है. यह जांच का विषय है. तीन वर्षो से ग्रामीणों के साथ पीएचइडी ने छलने का काम किया है.
– दिलीप ठाकुर, जिला परिषद सदस्य
केस स्टडी
खगड़ा में पाइप बिछाने के लिए पक्की सड़क भी बरबाद कर दिया
मोहनपुर प्रखंड के झारखंडी पंचायत स्थित खगड़ा गांव में लघु जलापूर्ति योजना के तहत करीब 12 लाख रुपये की लागत से जलमीनार व पपंसेट लगाया गया. पाइप बिछाने के नाम पर ठेकेदारों ने नयी पीसीसी रोड को तोड़ दिया, लेकिन पाइप का कनेक्शन नहीं किया गया. आज भी पाइप को पूरी तरह जोड़ने का कार्य बाकी है. खगड़ा गांव में लोगों को पाइप से शुद्ध पानी तो नहीं मिला, लेकिन गांव की अच्छी-खासी सड़क बरबाद हो गयी.
खगड़ा गांव में पाइप भी पूरा नहीं बिछाया गया है. विद्युतीकरण भी नहीं हुआ. आखिर इस अधूरी योजना को पंचायत कैसे अपने जिम्मे लेगी. विभाग की इसमें लापरवाही है.
– रामनारायण महतो, मुखिया, झारखंडी
शुरुआत में पाइप बिछाने के नाम पर दोबारा रोड बनाने का आश्वासन देकर पक्की सड़क तक उखाड़ दिया गया, लेकिन पाइप बिछाने के बाद न रोड बनी और न ही गांव में पाइप से पानी मिला.
– ज्ञामुद्दीन अंसारी, वार्ड सदस्य, खगड़ा
सभी योजनाओं का भुगतान कर दिया गया है. इसमें बिजली कनेक्शन सबसे बड़ी बाधा है. बिजली कनेक्शन के लिए विभाग के पास पर्याप्त राशि नहीं थी. इसलिए योजनाएं चालू नहीं हो पायी. अब विभाग ने सोलर सिस्टम से ग्रामीण पेयजलापूर्ति चालू करने की पहल की है. फरवरी से सोलर सिस्टम के जरिये जलापूर्ति शुरू होगी.
– तपेश्वर चौधरी, कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, देवघर प्रमंडल
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