-समीक्षा हो कि किनके कहने पर झामुमो के साथ एलायंस हुआ और ऐन चुनाव के वक्त टूटा-75 प्रतिशत लोगों की आकांक्षाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकतामुख्य संवाददाता, देवघरकांग्रेस को अब अपने मूल सिद्धांत पर लौटना ही होगा. क्योंकि जनता अब नकारात्मक सोच को नकार चुकी है. राज्य नेतृत्व जबतक मजबूत नहीं होगा व सक्षम लोगों को जिम्मेवारी नहीं दी जायेगी, तब तक पार्टी का कायाकल्प नहीं हो सकता है. उक्त बातें पूर्व मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्णानंद झा ने कही. उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया दी. श्री झा ने कहा कि नेतृत्व का काम होता है सही वक्त पर सही निर्णय लेना. लेकिन यहां के लिए दुर्भाग्य रहा कि निर्णय सही समय पर नहीं लिया गया. इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि किनके कहने पर झामुमो-कांग्रेस का गंठबंधन हुआ और सरकार बनी और ऐन चुनाव के वक्त गंठबंधन टूटा. गैर आदिवासी सीएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे बहुत पहले से कह रहे हैं कि गैर आदिवासी को नेतृत्व मिले. क्योंकि 75 फीसदी की आकांक्षाओं को दरकिनार कर संगठन को मजबूत नहीं किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में 32% आदिवासी हैं लेकिन वहां का नेतृत्व गैरआदिवासी के हाथों रहा है. वहां कैसा विकास हुआ है, देख सकते हैं. झारखंड में भी 14 सालों तक आदिवासी सीएम रहा, कहां कहीं विरोध हुआ. अब गैर अंादिवासी सीएम को नेतृत्व मिला है तो विरोध हो रहा है. ये विरोध करने वाले अलगाववादी प्रवृत्ति के हैं. ये अलगाववादी प्रवृत्ति विकास में बाधक हैं.
कांग्रेस को मूल सिद्धांत पर लौटना होगा : केएन झा
-समीक्षा हो कि किनके कहने पर झामुमो के साथ एलायंस हुआ और ऐन चुनाव के वक्त टूटा-75 प्रतिशत लोगों की आकांक्षाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकतामुख्य संवाददाता, देवघरकांग्रेस को अब अपने मूल सिद्धांत पर लौटना ही होगा. क्योंकि जनता अब नकारात्मक सोच को नकार चुकी है. राज्य नेतृत्व जबतक मजबूत नहीं होगा व सक्षम […]
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