देवघरः पढ़ने की चाह रखनेवाले बंदियों की परेशानी खत्म होगी. इस महीने के अंतिम सप्ताह से मंडल कारा के अंदर बंदियों के बीच शिक्षा का अलख जगेगा. जेल के अंदर से ही वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के माध्यम से बीपीपी (इंटर के समकक्ष) व स्नातक (बीए) की डिग्री ले सकेंगे. इसी सिलसिले में शनिवार को इग्नू की टीम मंडल कारा पहुंची थी.
टीम में इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अमित श्रीवास्तव व सहायक निदेशक डॉ मल्लिक रशीद फैजल थे. दोनों ने मंडल कारा के बंदियों के बीच इग्नू के कार्यक्रमों की विस्तार पूर्वक जानकारी दी. कारा से निकलने के दौरान इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि 130 बंदियों ने उच्च शिक्षा की इच्छा रखी है. बंदियों के लिए खास कोर्स स्नातक प्रबंधिक कार्यक्रम है. छह माह के दो विषय वाणिज्य व सामाजिक विज्ञान की तैयारी करनी होती है. यह कोर्स पास कर बंदी आराम से स्नातक की डिग्री ले सकते हैं.
इसके लिये कोई अन्य योग्यता की जरूरत नहीं होती है. ऐसे अभ्यर्थियों का उम्र 18 साल से कम नहीं होना चाहिए. बंदियों से परीक्षा शुल्क या अन्य कोई शुल्क नहीं लिया जाना है. वहीं स्टडी सेंटर कारा के अंदर रहेगा, जहां उनलोगों की पढ़ाई व परीक्षा भी होगी. मौके पर काराधीक्षक हामिद अख्तर, कारापाल अश्विनी कुमार तिवारी, शिक्षक ओंकार सुधांशु, मनोज मुमरू व विनय श्रीवास्तव ने बंदियों को नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया. मौके पर काराधीक्षक ने कहा कि यह कार्यक्रम मंडल कारा के बंदियों के लिए सौगात साबित होगा. इससे बंदीलाभान्वित होंगे.